वंदे मातरम्” भारतीय राष्ट्रीय भावना की गौरवमयी अभिव्यक्ति : प्रो. रणजीत कुमार पांडेय
गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर हुआ भव्य आयोजन
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रणजीत कुमार पांडेय ने कहा कि “वंदे मातरम् भारतीय राष्ट्रीय भावना की गौरवमयी अभिव्यक्ति है। यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि देशभक्ति की आत्मा है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लाखों भारतीयों को प्रेरित किया।”
उन्होंने बताया कि ‘वंदे मातरम्’ गीत पहली बार वर्ष 1875 में प्रकाशित हुआ था और 1950 में संविधान सभा ने इसे भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया। इसे सर्वप्रथम वर्ष 1896 में कलकत्ता में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने गाया था। वहीं, 7 अगस्त 1905 को पहली बार इसे राजनीतिक नारे के रूप में प्रयोग किया गया था।
कार्यक्रम के उपरांत महाविद्यालय प्रांगण में ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गान किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं और अध्यापकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अवसर पर प्रो. लक्ष्मण सिंह, डॉ. अवधेश कुमार मिश्रा, डॉ. नीलमणि सिंह, डॉ. अविनाश वर्मा, डॉ. लालमणि सिंह, डॉ. पंकज सिंह, जितेंद्र सिंह, डॉ. विष्णुकांत त्रिपाठी, विकास कुमार यादव, जितेंद्र कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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