हद ही हो गयी: बीएचयू की लापरवाही का ये आलम, बदल दी एडिशनल सीएमओ की लाश



 कोरोना काल में बीएचयू के अंदर लापरवाही के कई किस्से सुनने और देखने को मिल रहे थे। लेकिन इस बार जो कुछ हुआ है उसने लोगों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया क्या बीएचयू एम्स का दर्जा पाने लायक भी है अथवा नहीं ? आज   बीएचयू के कर्मचारियों ने लापरवाही की सभी हदें पार करते हुए कोरोना संक्रमित मृत की लाश लेने पहुंचे परिजनों को दूसरे की लाश सौंप दी। ये लापरवाही किसी और के साथ नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के दूसरे नंबर के रह चुके अधिकारी के शव के साथ हुई।
बीएचयू कोविड हॉस्पिटल में एडमिट रि‍टायर्ड पीपीएस अधि‍कारी की मौत कोरोना से बुधवार की सुबह में हो गयी थी। परिजनों को सूचित कर बीएचयू ने कार्यवाही शुरू की, लिखा पढ़ी के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक के परिजनों के अनुसार कुछ दूर जाने पर शव के कद काठी को देखकर यह एहसास हुआ कि शव हमारा नहीं है, परिजन पीपीई किट खोलकर चेहरा देखा तो शव किसी और का मि‍ला। परिजनों के अनुसार जब हम बीएचयू वापस पहुंचे तो पता चला कि उन्हें दिया गया शव एडिशनल सीएमओ का था जिनकी देर रात कोरोना से मौत हुई थी। परिजनों ने बताया कि हमने फिर रि‍टायर्ड पीपीएस अधि‍कारी का शव ढूंढना शुरू किया तो पता चला कि वो किसी और को दे दिया गया और उसे लोग लेकर हरिश्चंद्र घाट भी जा चुके हैं। वहां पहुँचने पर वो लोग शव का दाह संस्कार कर चुके थे। इसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि हमने तो चेहरा भी नहीं देखा पता नहीं वो हमारे पिता जी की लाश भी थी या नहीं। फिलहाल इस लापरवाही के बाद अभी तक किस भी प्रकार का प्रशासनिक बयान नहीं आया और न ही बीएचयू प्रशासन ने इसपर सफाई दी है। अब इस पूरे मामले पर मृतक रि‍टायर्ड पीपीएस अधि‍कारी के बेटे फूड वि‍जि‍लेंस सेल डि‍पार्टमेंट में तैनात अनुपम श्रीवास्तव और उनके परिजन अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बीएचूय प्रशासन अब इस मामले की जांच की बात कह रहा है।

Comments

Popular posts from this blog

गयादीन विश्वकर्मा इण्टर कालेज के विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा में बच्चों ने लहराया परचम

जालसाज़ी के आरोप में जेल में बंद एक बंदी की मौत

जौनपुर पुलिस व एसटीएफ लखनऊ की बड़ी कामयाबी, 50 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार