अर्नव गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से मिली अन्तरिम जमानत


 महाराष्ट्र के इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या मामले में जेल भेजे गए रिपब्लिक भारत के सीईओ व एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। बुधवार को लगभग पूरे दिन चली सुनवाई के बाद देर शाम सवा चार बजे सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को मंजूरी दी है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति वाई चंद्रचूड़ व इंद्राणी बनर्जी की अदालत में बुधवार को लगभग पांच घंटे की जबरदस्त सुनवाई के बाद अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत मिल सकी है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहले ही इस मामले में कैविएट लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस को आदेश दिया है कि वह अंतरिम जमानत की औपचारिकता पूरी करने पर अर्नब को रिहा कर दे। सुप्रीम कोर्ट में अर्नब व दो अन्य आरोपितों फिरोज व नीतीश सारदा की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई थी। अर्नब की ओर से मामले में पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि हमें हाईकोर्ट को संदेश देना ही होगा। आज हस्तक्षेप करना जरूरी ।
हम व्यक्तिगत आजादी की बात कर रहे हैं। तकनीकी खामियों के आधार पर जमानत से इनकार नहीं किया जाना चाहिए। यह कोई आतंकवाद का मामला नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है, सरकार को इन सबको अनदेखा करना चाहिए। अगर संवैधानिक अदालत हस्तक्षेप नहीं करती तो हम निश्चित रूप से विनाश की राह पर चल रहे हैं। हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि जब मामले की जांच में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई तो उसे दोबारा खोलना बेहद खतरनाक परंपरा है। दोबारा जांच का आदेश ही पूरी तरह गलत है।

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