मड़ियाहूं पुलिस की गुन्डई,मामूली विवाद में पकड़े युवक को गांजा रखने के ज़ुर्म में भेजा जेल

 



जौनपुर। पुलिस द्वारा कानून के दुरुपयोग की कहानियाँ तो अक्सर सुनने को मिलती है लेकिन जनपद जौनपुर के थाना मड़ियाहूं की पुलिस ने सरे आम इसे करके दिखा दिया है । मामूली विवाद के चलते एक युवक को पुलिस उसके घर से थाने पर ले गयी इसके बाद युवक को गांजा रखने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जेल रवाना कर दिया है। जो मड़ियाहूं में चर्चा का बिषय बना है। इस संदर्भ में जिला स्तरीय पुलिस के अधिकारी को बताये जाने के बाद भी एक निर्दोष को गांजा रखने के संगीन ज़ुर्म में जेल भेजागया है। 

पूरा वाकया कुछ इस तरह का है  नगर के कजियाना वार्ड निवासी आरिफ उर्फ लुक्की पुत्र इब्बन शनिवार की शाम घर के सदस्यों के बीच आपस में विवाद हो गया था जिस पर परिवार की सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंची थी। उसी समय एक दैनिक समाचार पत्र के मीडिया कर्मी भी घटनास्थल पर पहुंच गए थे । सभी लोगों के सामने पुलिस घर में विवाद करने वाले युवक आरिफ को कोतवाली ले आई थी।


दूसरे दिन रविवार की सुबह पुलिस ने अपने गुडवर्क की कहानी तैयार करते हुए उस युवक की गिरफ्तारी ग्राम कनाँवा दिखाते हुए उसके पास से  1 किलो 400 ग्राम गांजा की बरामदगी  दिखाकर चालान भेजने लगी।  जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो परिजन घटना के समय मौजूद रहे मीडिया कर्मी को लेकर कोतवाली पहुंचकर गये और विरोध करने लगे लेकिन पुलिस अपनी जिद पर अड़ी रही और युवक को संगीन ज़ुर्म में न्यायालय भेजने लगी ।पुलिस की इस कारस्तानी को लेकर परिजन और मीडिया  कर्मियों ने इसका विरोध किया लेकिन पुलिस नहीं मानी कानून और डन्डे की धमकी देते हुए कार्यवाही करने लगी तो गुस्साए परिजनों ने कोतवाली गेट के सामने धरने पर बैठ गए जिससे पुलिस के पसीने छूटने लगे।फिर  संभ्रांत नागरिकों के हस्तक्षेप के बाद परिजन धरना स्थल से हटे तो युवक की चालान भेज दिया गया है।  इस संबंध में  क्षेत्राधिकारी राजेन्द्र प्रसाद से पूछा गया उन्होंने घटना के बारे में अनभिज्ञता जाहिर किया। इतना ही नहीं पुलिस के इस दादागिरी के बाबत जनपद मुख्यालय पर स्थित अपर पुलिस अधीक्षक सिटी ग्रामीण ग्रामीण को भी अवगत कराया गया लेकिन निर्दोष आरिफ के साथ न्याय के बजाय मड़ियाहूं पुलिस ने कानून का जबरिया शिकंजा कस दिया। 

अब सवाल इस बात का है क्या इसी तरह आम जनता के साथ पुलिस का कार्य होना चाहिए। अधिकारी गण कहते हैं कि पुलिस जनता के बीच खाई पटे क्या पुलिस के इसी कृत्य से खाई पाटी जा सकेगी। पुलिस के उच्चाधिकारीयों का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए पूरे प्रकरण की जांच कराते हुए सच्चाई का खुलासा करने की जरूरत है। 


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