पापा बदला जरूर लेना: थाना सुरेरी क्षेत्र में बेटी की आत्महत्या और सुसाइड नोट, जानिए जिम्मेदारो पर क्या है प्रश्न चिन्ह


जौनपुर। जनपद के थाना सुरेरी क्षेत्र स्थित ग्राम कमरूद्दीनपुर में आत्म हत्या करने वाली 15 वर्षीया किशोरी के सुसाइड नोट ने सरकार के दावों और पुलिस की हनक तथा कानून व्यवस्था तीनो को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है।  आत्म हत्या करने वाली बेटी ने आत्म हत्या से पहले अपने पापा को सम्बोधित पत्र में लिखा कि पापा हमारे साथ जो हुआ है उसका बदला रूस्तम अली से जरूर ले लेना। उसने हमारे साथ बहुत गलत किया है।
यहां बता दें  कि सरकार महिलाओं और बालिकाओ के सुरक्षा का दम्भ तो भर रही है कानून का राज होने का खूबा ताल ठोंक रही है लेकिन थाना सुरेरी क्षेत्र स्थित ग्राम कमरूद्दीनपुर निवासी सुरेन्द्र गुप्ता के पुत्री के सुसाइड नोट एवं घटना की कहानी ने हर किसी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। 
खबर है कि गांव कमरूद्दीनपुर के अल्पसंख्यक समुदाय के रूस्तम अली एवं वारिस नामक दरिन्दों ने पहले बेटी के साथ छेड़छाड़ किया इसके बाद इन दरिन्दो ने बेटी की आबरू को तार तार कर दिया जैसा कि सुसाइड नोट से स्पष्ट होता है। इसके बाद दरिन्दों के कृत्य से परेशान होकर बेटी ने आत्म हत्या का निर्णय ले लिया और विगत 24/25 अगस्त की रात में आत्म हत्या करने से पहले सुसाइड नोट लिख कर अपनी जीवन लीला को खत्म कर लिया। 
25 अगस्त की सुबह काफी देर तक कमरे का दरवाजा न खुलने पर परिवार के लोग आवाज लगाये फिर दरवाजा तोड़कर अन्दर देखा तो घर में कोहराम मच गया। कमरे में सुसाइड नोट मिला जो घटना की कहानी को बयां कर रहा था। घटना की सूचना पुलिस को दिया गया पुलिस मौके पर पहुंची तो सुसाइड नोट पाने के बाद बेटी के पिता से तहरीर लेकर मुअसं 83/21 धारा 354 ,306, भादवि और 3/8 पाक्सो एक्ट के तहत नामजद मुकदमा तो लिखा लेकिन सीओ मड़ियाहॅू ने यह भी कहा की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाई की जायेगी। 
आज 26 अगस्त को पुलिस ने इस घटना के लिए जिम्मेदार अभियुक्त वारिस उर्फ गोरख पुत्र मकबूल 32 वर्ष तथा अलीरजा पुत्र रहमतुल्ला निवासी कमरूद्दीनपुर को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा कर अपनी पीठ थपथपा तो रही लेकिन जिस रूस्तम अली का नाम बेटी ने सुसाइड नोट में लिया है वह पुलिस की गिरफ्त से दूर है। 
घटना हिन्दू और मुस्लिम समुदाय से जुड़े होने के कारण अब गांव तनाव को देखते हुए पुलिस बल का पहरा लगा दिया गया है कि शान्ति व्यवस्था कायम रहे लेकिन इस घटना से गांव सहित आसपास गांवो में तनाव बताया जा रहा है। साथ ही कानून व्यवस्था एवं महिलाओ की सुरक्षा को लेकर अब जनपद स्तर पर सवाल उठने लगे है। आखिर कैसी व्यवस्था सरकार दी है कि महिलाओ की आबरू लूटने वालों में जरा भी दहशत नहीं है। 

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