सूरज की पहली किरण होती है बेटिया - कुलपति


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम विषयक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कार्यस्थल पर महिलाओं के सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि भाई आगे बढ़ेंगे तो बहनों की रक्षा होंगी। बालिकाओं को आगे लाने में पुरुष हर कदम पर उनका साथ दें। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं की सदी है। नारी बस समाज में स्नेह और सम्मान चाहती है।महिलाएं पुरूषों से अब कंधे से कंधा मिला कर आगे आना चाहती है उसे आगे आने देना चाहिए। सूरज की पहली किरण होती है बिटिया..... अपनी स्वरचित कविता सुनाया।
बतौर  आमंत्रित वक्ता जिजीविषा सोसाइटी की अध्यक्ष मंजरी उपाध्याय ने  भवरी देवी  से लेकर निर्भया  के प्रकरण की चर्चा की.  उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न से महिलाओं के संरक्षण  अधिनियम महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने क़ानूनी अधिकारों को जानें. 
विषय प्रवर्तन एवं संचालन कार्यक्रम की संयोजक व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनु त्यागी ने किया।
इस अवसर पर प्रो मानस पांडेय, प्रो देवराज सिंह, डॉ मनोज मिश्र, डॉ प्रमोद यादव, डॉ माया सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ पूनम श्रीवास्तव,जया शुक्ला, सोनम झा, गार्गी मिश्रा समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

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