पत्रकार को मेडिकल सहायता के मामले में मंत्री के खिलाफ षड्यन्त्र की बू
शासनदेश एवं सरकारी गाइड लाइन के तहत उप्र सरकार की मान्य सूची वाले अस्पताल में उपचार कराने पर मिलती है सहायता राशि
जौनपुर । जनपद में विगत दो दिन से शाहगंज तहसील के पत्रकार रवि शंकर वर्मा को प्रदेश सरकार से मेडिकल सहायता को लेकर मामला चर्चा का बिषय बना है। इस मामले में पत्रकार रवि शंकर वर्मा का आरोप है कि हमने जिले सदर विधायक एवं प्रदेश सरकार के आवास विकास राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव के जरिए मुख्यमंत्री के पास मेडिकल सहायता राशि की मांग किया था 5 माह बीतने के बाद भी अभी तक सहायता राशि नहीं मिली है। मंत्री द्वारा दो दर्जन लोगों को मेडिकल सहायता राशि दिलाने की सूची जारी किया जिसमें पत्रकार रवि शंकर वर्मा का नाम नहीं है।
इसका सच जानने का प्रयास किया गया और पत्रकार से अस्पताल का पत्र मिला जो 5 दिसम्बर 19 का है और उनका आपरेशन 14 दिसम्बर 19 को हो गया है । यहां बतादे कि सरकार द्वारा किसी व्यक्ति को कोई मेडिकल सहायता देने का प्राविधान नहीं है। सम्बन्धित संसथान को पैसा दिया जाता है। वह भी सरकार की सूची में मान्य हो। इस प्रकरण में सच का पता लगाने पर जानकारी मिली कि मुम्बई का कोई भी प्रिंस अली खान हास्पीटल उप्र सरकार की सूची में मान्य नहीं है। इस अस्पताल के लिए सरकार पैसा नहीं दे सकती है।
इसके अलावां यह भी पता चला कि राज्य मंत्री ने पत्रकार के आग्रह पर पत्र मुख्यमंत्री को भेजा था लेकिन सरकार सरकारी गाइड लाइन के चलते पत्रकार को सहायता नहीं कर सकी है। यहां पर एक और भी बिचारणीय बिषय है कि जब अनुदान के लिए आवेदन किया जाता है तो पूरी प्रक्रिया पूर्ण हो कर राशि अवमुक्त होने में एक से डेढ़ माह का समय लगता है यदि इसके पहले मरीज अपना उपचार करा लेता है तो भी सरकार उसके आवेदन पर विचार नहीं करती है।
इस तरह इस मामले का सच यही है ऐसी दशा में अनावश्यक दोषारोपण कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना न्यायोचित नहीं कहा जा सकता है। खबर मिली है कि इस मामले को अनावश्यक तूल देने के पीछे किसी षड्यन्त्र का खेल है जिसका खुलासा जांच के बाद संभव है।
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