पत्रकार की अन्तेष्ठि पर जब बेटी ने दिया मुखाग्नि, कराह उठे लोग



वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण मोहन मिश्र का गुरुवार की रात हृदयाघात से निधन हो गया। वे लगभग 70 वर्ष के थे। श्री मिश्र ने अपने पीछे पत्नी और दो पुत्रियों को छोड़ा है। अपरान्ह दो बजे भैंसाकुंड स्थित श्मसान घाट पर उनकी अन्त्येष्टि हुई। श्री मिश्र को उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। अन्त्येष्टि के दौरान उनके परिजन, पत्रकार, साहित्यकार मौजूद थे।
पत्रकार कृष्ण मोहन मिश्र का जन्म वाराणसी में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा वाराणसी में ही हुई। उन्होंने मिर्जापुर के पालिटेक्निक से शिक्षा ग्रहण की थी। इसके बाद लखनऊ के बांस मंडी स्थित आईटीआई में प्रशिक्षक रहे। यहीं से करीब दस वर्ष पूर्व वे सेवानिवृत्त हुए। श्री मिश्र सांस्कृतिक पत्रकार भी थे। सेवा में रहते हुए उन्होंने सांस्कृतिक पत्रकारिता की। वे दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान में सांस्कृतिक संवाददाता भी रहे। इसके साथ ही वे संस्कृति और संगीत पर लगातार लेखन करते थे।

सोशल मीडिया में वे लगातार संगीत और गायन की विभिन्न विधाओं पर लेखन कर रहे थे। वे उ.प्र. जर्नलिस्ट्स एसोशिएशन की पत्रिका उपजा न्यूज और संस्कार भारती की पत्रिका कला कुंज भारती के भी संपादक रहे।  संप्रति उ.प्र.समाचार सेवा न्यूज एजेंसी के संपादक थे। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री मिश्र संस्कार भारती में अवध प्रांत के पूर्व प्रदेश महामंत्री थे। आजकल वे राजधानी में जानकीपुरम् क्षेत्र की इकाई के अध्यक्ष थे। गोमती नगर निवासी श्री मिश्र को बीती रात करीब नौ बजे हृदयाघात हुआ। परिवार के लोग उन्हें तत्काल डा. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय ले गए जहां डाक्टरों ने बताया कि तीव्र हृदयाघात से उनका निधन हो चुका है।

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