जंगल की जमीन पर सड़क बनाने का विरोध करने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने का हो रहा षडयंत्र



जौनपुर। जनपद में विकास खण्ड सिरकोनी क्षेत्र स्थित ग्राम सादीपुर में जंगल की जमीन पर पर बनायी जाने वाली सड़क को न्याय पालिका द्वारा रोके जाने के बाद अब व्यक्ति गत रंजिश शुरू हो गयी है। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले परिवार को अब फर्जी बेबुनियाद आरोपों में फंसाने का कुचक्र उन लोगों द्वारा रचा जा रहा है ऐसा याचिका कर्ता का आरोप है कि जबरिया गलत तरीके से जंगल खाते की जमीन पर सड़क बनाने के प्रयास में लगे हुए थे। 
यहाँ बतादे कि शासन स्तर से रसैना मार्ग से सादीपुर हरिजन बस्ती के लिए सड़क स्वीकृत थी। जिसके धन स्वीकृत होने के पश्चात पीडब्लूडी विभाग ने क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि के दबाव में जंगल खाते की जमीन से सड़क बनाने लगा जबकि बगल से एक चक मार्ग बस्ती के लिए गया है। जैसा की राजस्व विभाग द्वारा पैमाइश से स्पष्ट हो चुका है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है कि जंगल खाते की जमीन पर सड़क आदि न बनाया जाये। 
पीडब्लूडी विभाग के जबरदस्ती निर्माण का विरोध ग्राम वासी करते हुए जिलाधिकारी सहित सभी जिम्मेदार लोगों के यहाँ शिकायती पत्र दिया लेकिन काम नहीं रूका। इसके बाद ग्रामीण उदय भान सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में  एक जन हित याचिका दायर किया जिसका नम्बर 1070 /20 है। विगत 7 जनवरी 21 न्यायाधीश ने पीडब्लूडी के सचिव सहित अधिसाशी अभियंता, जे ई ए ई आदि को नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया जंगल खाते की जमीन पर बन रही सड़क को हटा कर 11 जनवरी 21 को कोर्ट में उपस्थित हो। 
इस आदेश के आते ही प्रशासनिक अधिकारी लगे हांफने और कोर्ट के आदेश का पालन कराने हेतु सादीपुर पहुंच गये और सड़क को खुरच फुरच कर कागजी पालन कर दिया। 
अब इस मामले को लेकर विपक्षी लोग जन हित याचिका दायर करने वाले परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने का कुचक्र रचने लगे हैं। खबर मिली है जिलाधिकारी के पास शिकायती पत्र दिये हैं कि जन हित याचिका करने वाले अपने लाइसेंसी असलहे से धमकी देते हैं और सरकारी जमीन पर कब्जा किये है। इसकी जांच करने और याची परिवार का उत्पीड़न करने के लिए थाने की पुलिस भी गयी थी जो आशंकाओं को बल भी देती है। खबर तो यह भी है कि गांव के दलितों के माध्यम से याची परिवार के लोगों को हरिजन उत्पीड़न के फर्जी मामले में फंसाने का भी प्रयास किया जा रहा है। 
अब यहाँ पर सवाल इस बात का है कि न्याय और इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाले अगर फर्जी कानूनी शिकंजे में फंसाये जायेंगे तो न्याय और जन हित की बात कोई कैसे कर सकेगा। गलत और दबंगयी करने वाले अपनी मनमानी करते रहेंगे। क्या न्याय पालिका इसे संज्ञान लेने की जहमत उठायेगी।

Comments

Popular posts from this blog

धनंजय सिंह को जौनपुर की जेल से बरेली भेजने की असली कहांनी क्या है,जानिए क्या है असली खेल

धनंजय सिंह को जौनपुर जेल से बरेली जेल भेजा गया

बाहुबली नेता धनंजय सिंह की जमानत याचिका में स्थगन के मुद्दे पर न्यायाधीश की तल्ख टिप्पणी पर जानें क्या निकाले जा रहे है मायने