सवाल: क्या टल जाएगी शबनम की फांसी,अब जेल अधीक्षक को सौंपा दया याचिका की अर्जी

  


प्रेम वासना में पागल उत्तर प्रदेश के अमरोहा में अपने ही परिवार के ही 7 सदस्यों की जघन्य हत्या करने वाली शबनम ने एक बार फिर फांसी से बचने के लिए दया की गुहार लगाई है. शबनम के दो वकील गुरुवार को रामपुर ज़िला कारागार  पहुंचे. यहां उन्होंने जेल अधीक्षक को दया याचिका के लिए प्रार्थनापत्र सौंपा। जानकारी के अनुसार, जेल अधीक्षक अब प्रदेश की राज्यपाल को दया याचिका का यह प्रार्थनापत्र भेजेंगे। बता दें कि शबनम की पहली दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुकी हैं अब राज्यपाल को शबनम के वकील फिर दया याचिका भेज रहे हैं जबकि  शबनम की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था।
दूसरी तरफ, मथुरा जेल में शबनम को फांसी देने की तैयारी चल रही है। पवन जल्लाद भी दो बार मथुरा जेल के महिला फांसी घर का मुआयना कर चुका है। मामले में मथुरा जेल प्रशासन को बस अब शबनम के डेथ वारंट का इंतजार है।
बेटा भी कर चुका है माफी की मांग
इससे पहले शबनम के बेटे मुहम्मद ताज ने भी अपनी मां के लिए माफ़ी की गुहार लगा चुका है। शबनम के 12 साल के बेटे ताज ने कहा है कि राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां को माफ कर दो। गौरतलब है कि 14 अप्रैल 2008 की रात जब शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी। उस वक्त वह दो महीने की गर्भवती थी। शबनम ने जेल में ही ताज को जन्म दिया था।
शबनम के दोस्त रहे उस्मान सैफी ने ताज को गोद ले लिया था। आज ताज 12 साल का है उसने जब मां को फांसी देने की बात सुनी तो राष्ट्रपति से माफ़ी की गुहार लगाई है। बुलंदशहर में भूड़ चौराहे के समीप सुशील विहार कॉलोनी में रहने वाले उस्मान सैफी के संरक्षण में पल-बढ़ रहे ताज को मां के गुनाहों का अहसास है। उस्मान ने बताया कि ताज ने राष्ट्रपति से मां शबनम को माफ करने की मांग की है।
वहीं शबनम की चाची कहती हैं कि हमें तो खून का बदला खून ही चाहिए। इसे फांसी जल्द हो जाए चाची ने कहा कि उस समय अगर हम भी घर में होते तो हमें भी इसने मार डाला होता। हम घटना के बाद आधी रात में यहां पहुंचे थे. शबनम की चाची ने कहा कि याचिका खारिज हो गई, हम तो बहुत खुश हैं. इसे फांसी होनी चाहिए। वहीं, फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद क्या डेडबॉडी लेंगीं? इस सवाल के जवाब में चाची ने कहा कि हम क्यों लेंगे? हम नहीं लेंगे। हम क्या करेंगे ऐसी लड़की की लाश लेकर? चाचा ने कहा कि हम उस समय यहां नहीं थे। रात में दो बजे के बाद मौके पर पहुंचे थे, सब कटे हुए पड़े थे. इसने जो किया है, वो उसे ही भरना है. उन्होंने कहा कि दूसरा देश होता तो इसे बहुत पहले ही फांसी हो जाती।

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