बीएचयू के डाक्टर भगवान की जगह यमराज बने हैं

  वाराणसी। चिकित्सक को भगवान का स्वरूप कहा जाता है लेकिन बीएचयू के चिकित्सक जब भी उनके मन मुताबिक कोई बात नहीं होती है  तो वे यमराज की भूमिका में नजर आने लगते है । बतादे  बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में तीन नवंबर को दो रेजिडेंट डाॅक्टरों की पिटाई के विरोध में बीते  शनिवार तक हड़ताल पर थे।
  लेकिन  विवाद के बाद से ही सुरक्षा के साथ ही जांच, मुकदमे आदि के मुद्दे पर अस्पताल प्रशासन और रेजिडेंटों के बीच रार बढ़ती ही जा रही है।
     शनिवार को रेजिडेंटों ने खुद को इमरजेंसी सेवाओं से भी अलग रखा। इस वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा आैर रोगियों के साथ आए परिजन मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही था।
     दरअसल, पिटाई की घटना के विरोध में हड़ताल को छह दिन हो गए हैं। विवाद को खत्म करने के लिए अब तक कई बार अस्पताल प्रशासन ने वार्ता भी की, लेकिन सारी कोशिश बेनतीजा ही साबित हुई। एक ओर रेजिडेंट डाॅक्टर जहां बिना सुरक्षा की गारंटी के काम पर लौटने को तैयार नहीं है। वहीं प्रशासन की लापरवाही से बीएचयू के मरीज उपचार के अभाव में दम तोड़ने को मजबूर हो रहे है ।

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