शहर की गलियाँ सहित मुहल्लो में कूड़ो का ढेर प्रशासन ने ईओ के दिया नोटिस मांगा स्पष्टीकरण

 

जौनपुर । वर्षात के समय एक ओर शासन संचारी रोगो से बचाव के लिए शहर की गलियों से लेकर मुख्य मार्गों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने का आदेश निर्गत किया है। शासन की ओर से जिलों के नोडल अधिकारी भी इस हेतु जिलों का दौरा कर रहे हैं। सब कुछ के बावजूद जौनपुर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी नगर पालिका क्षेत्र के सड़कों सहित गलियों की साफ सफाई के प्रति गम्भीर नहीं है। उन्हें भाजपा नेताओं की दरबार गिरी से फुर्सत मिले तब न शहर के साफ सफाई की समस्या की ओर ध्यान जायेगा ऐसी चर्चा खुलेआम शहरी आवाम के बीच में हो रही है। साथ ही साफ सफाई के बाबत जिला प्रशासन द्वारा जारी एक पत्र ईओ के लापरवाही पूर्ण कृत्य की पुष्टि करता है। 
बतादे शहर के सफाई की स्थिति बद से बदतर हो गयी है शहर की गलियों से लगायत मुहल्लो में कूड़े का ढेर लगा रहता है सफाई के नाम पर दो तीन दिन में एकाध बार झाड़ू लगता है जिसका परिणाम है कि मुहल्ले गंदगी की बदबू से परेशान पीड़ित हैं अधिशासी अधिकारी का फोन उठता ही नहीं अगर कभी उठ भी गया तो भी समस्या का निदान नहीं किया जाता है। इसी मुद्दे को लेकर ईओ और नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष एवं सभासदो के बीच विवाद भी हो चुका है लेकिन भाजपा के एक दो प्रदेश सरकार में खास पकड़ रखने वाले नेताओं का संरक्षण मिलने से ईओ पूरी तरह से तानाशाह हो गया है काम में रूचि लेने के बजाय सियासी जाल बिछाने में लगा रहता है। 
शहरी क्षेत्र की साफ सफाई को लेकर जिला प्रशासन में हुई शिकायतों आधार पर प्रशासन ने अपने स्तर से जिला सूचना अधिकारी के माध्यम से जांच कराया शिकायत सही मिलने पर जिला प्रशासन ने अधिशासी अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए  27 जुलाई 20 तक स्पष्टीकरण मांगा है। अपने नोटिस में जिलाधिकारी ने विद्युत वितरण कार्यालय, जफराबाद रोड, हुसेनाबाद सरकारी कालोनी, कजगांव रोड, भवराजीपुर मौर्य बस्ती के पास,  सिपाह चौराहा ,राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव के कार्यालय के पास, नारायण नर्सिंग होम सहित 13 स्थानों पर कूड़ा जमा होने और नहीं उठाये जाने की पुष्टि किया है। जो खासा चिन्तनीय बिषय है। जिला प्रशासन की अधीन सरकारी कालोनी हुसेनाबाद की दशा तो ईओ के कारनामों से बूचड़ खाना जैसी हो गयी है।  
प्रशासन ने यह तो शहर का सच बताया लेकिन वहीं पर नगर पालिका क्षेत्र में बढ़े वार्डो की दशा पर गौर करें तो साफ सफाई तो एक दम नहीं करायी जाती है सभासद शिकायत करते हैं लेकिन ईओ सुनते ही नहीं है बढ़े वार्डो में आज तक पानी बिजली सड़क नाली खडन्जा आदि की व्यवस्था नहीं करायी जा सकी है इसके लिए ईओ को लोग जिम्मेदार मानते हैं। सभासदो का आरोप है कि आकंठ भ्रष्टाचार में गोते लगाने वाला अधिशासी अधिकारी को जनपद मुख्यालय की नगर पालिका परिषद के आवाम की कोई चिंता नहीं है। हां वह लूट पाट में मस्त है। 
अब देखना है कि जिलाधिकारी की नोटिस ईओ के उपर कितना दबाव साफ सफाई के लिए बना पाती है। जनता साफ स्वच्छ वातावरण का सुख प्राप्त कर सकेगी, शहर साफ और स्वच्छ हो सकेगा या फिर डीएम की नोटिस कागजी बाजीगरी तक सीमित रह जायेगा। 

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