जजों को गुंडा कहने पर वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही, जानिए क्या है पूरा मामला




वकील अशोक पांडेय ने सुनवाई कर रहे जजों से कहा था कि वे गुंडों की तरह बर्ताव कर रहे हैं।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जजों को गुंडा कहने वाले वकील के विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसी के साथ कोर्ट ने यूपी बार काउंसिल को भी आदेश दिया है कि वह इस बात की जांच करे कि ऐसा व्यक्ति वकालत जैसे आदर्श पेशे में रहने के काबिल है या नहीं। कोर्ट ने कांउसिल को उक्त वकील के खिलाफ यथोचित अनुशासनात्मक कार्यवाही का भी आदेश दिया है।
यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने स्वत: संज्ञान द्वारा इस मामले में आपराधिक अवमानना मामला दर्ज करते हुए दिया। कोर्ट ने घटना का विस्तृत ब्यौरा देते हुए अपने आदेश में कहा है कि 18 अगस्त को अधिवक्ता अशोक पांडेय द्वारा दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई जब शुरू हुई तो कोर्ट ने पाया कि वह यूनिफॉर्म में नहीं हैं। इस पर अधिवक्ता का कहना था कि चूंकि वर्तमान याचिका उनके द्वारा ही दाखिल की गई है लिहाजा उन्हेंं यूनिफॉर्म पहनने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि कोर्ट ने उनसे अपने शर्ट का बटन बंद करने को कहा। इस पर अशोक पांडेय उग्र हो गए व आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने लगे।
अदालत ने उन्हेंं कोर्ट रूम से निकालने की चेतावनी दी लेकिन, अशोक पांडेय ने कहा कि यदि कोर्ट के पास ताकत है तो उन्हेंं कोर्ट रूम से बाहर करे। इस दौरान अशोक पांडेय ने सुनवाई कर रहे दोनों जजों से कहा कि वे गुंडों की तरह बर्ताव कर रहे हैं। मामले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कोर्ट ने पांडे पर आरोप तय करते हुए अगली सुनवाई 31 अगस्त तय की है। साथ ही उनसे जवाब तलब किया है कि क्यों ने उनको अदालती अवमानना के लिए दंडित किया जाए।

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