गर्भवती बहू और पोती की नृशंस हत्या के जुर्म में सास सहित दो को मृत्युदंड, जानें क्या है पूरी घटना



मां-बेटी की गला दबाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने महिला समेत दो को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। दोनों पर 70-70 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यूपी के सोनभद्र जिले के चोपन थाना क्षेत्र में विगत 11 साल पहले घटी इस घटना के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने घटना को नृशंस मानते हुए फैसला दिया है कि दोनों को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक उनकी मौत न हो जाए।
अभियोजन के मुताबिक चोपन थाने में मिर्जापुर जिला अंतर्गत कोतवाली कटरा के शबरी संकठा प्रसाद की गली निवासी सतीश कुमार शर्मा ने 21 दिसंबर 2010 को तहरीर दी थी। उनका कहना था कि राजस्थान निवासी श्रवण शर्मा ने अपने ससुर सतीश शर्मा को फोन कर पत्नी सुनीता देवी व तीन वर्षीय बच्ची झलक की साड़ी से गला दबाकर हत्या कर बिस्तर पर जलाए जाने की सूचना दी।
सूचना पर सतीश शर्मा चोपन पहुंचे तो देखा कि उनकी बेटी सुनीता व नातिन झलक मृत हाल में पड़ी थीं। दोनों के गले में साड़ी का फंदा लगा हुआ था। शरीर, कपड़े व बिस्तर जले पड़े थे।
सतीश शर्मा ने आरोप लगाया था कि सास गीता देवी और दूर के रिश्तेदार अशोक शर्मा ने मिलकर दोनों की हत्या की है। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए विवेचना की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका सुनीता के गर्भवती होने की भी पुष्टि हुई।
विवेचना के बाद पुलिस ने चोपन गांव निवासी गीता देवी और मिर्जापुर जिले के जिगना थानांतर्गत हरगढ़ गांव निवासी अशोक शर्मा के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। सुनवाई के बाद न्यायालय ने गीता देवी और अशोक शर्मा को हत्या का दोषी पाते हुए उन्हें मृत्युदंड और 70-70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय कुमार यादव ने बहस की।



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