पुरानी पेंशन सहित 24 सूत्रीय मांग को लेकर पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शिक्षको का धरना प्रदर्शन



जौनपुर। उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) के आह्वान पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में,महाविद्यालय शिक्षकों ने विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के नेतृत्व में मंगलवार को जोरदार धरना प्रदर्शन किया।धरना 10 बजे से प्रशासनिक भवन के समक्ष शुरू हुआ और 3 बजे मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री को सम्बोधित 24 सूत्री मांगों का ज्ञापन कुलपति को सौंपने के साथ समाप्त हुआ,शिक्षक संघ के अध्यक्ष व महामंत्री ने विश्वविद्यालय स्तर पर लम्बित शिक्षक समस्याओं से सम्बंधित 16 सूत्री मांगों का ज्ञापन कुलपति को देते हुए उनके शीघ्र निस्तारण की मांग की। धरने में 500 से अधिक शिक्षकों का जमावड़ा रहा।
शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में,यू0 जी0 सी0 रेगुलेशन के अनुरुप ,प्रोफेसर पदनाम, सेवानिवृत्ति आयु 65, फीडर कैडर का लाभ,शिक्षकों की प्रोन्नति, एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अव्यवहारिक पहलुओं से जुड़े अन्य मुद्दे उठाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षकों की सहन सीमा अब पार हो चुकी है, यदि शीघ्र ही इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो शिक्षक न केवल सड़क पर उतरेंगे अपितु सरकार को आने वाले विधानसभा चुनावों में इस असंतोष का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।उन्होंने विश्विद्यालय प्रशासन को स्थानीय माँगो की पूर्ति के लिए 15 दिन का समय देते हुए कहा कि यदि निर्धारित अवधि में हमारी मांगे पूरी न हुई तो शिक्षक फिर धरने पर बैठेंगे और माँगो के लिए पुनः धरनारत होंगे।
महामंत्री डॉ राहुल सिंह ने,पुरानी पेंशन,पी0 एच डी0 इंक्रीमेंट, शेष मानदेय शिक्षकों के आमेलन,शैक्षणिक कैलेन्डर की विसंगतियों से जुड़े बहुप्रतीक्षित माँगो को शीघ्र पूरा करने की हुँकार भरी और कहा कि यदि शासन और विश्विद्यालय हमारी माँगो को तय समयसीमा में पूरा नहीं करता है तो शिक्षक सड़क से लेकर संसद तक अपनी ताकत का अहसास कराएगा।
संयुक्त मंत्री डॉ दिनेश कुमार सिंह ने धरने में उपस्थित शिक्षकों में जोश भरते हुए कहा कि ये धरना तो चुनाव के पहले शासन के नीतियों के विरोध की झलक मात्र है, यदि सरकार के मानस में राष्ट्र निर्माता शिक्षकों के हित की चेतना नहीं झलकी तो शिक्षक समाज सत्ता को आगामी चुनाव में चेतनाशून्य बनाने से नही चूकेगा।
शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं टी0 डी0 कॉलेज के प्राचार्य डॉ समर बहादुर सिंह ने वर्तमान सरकार पर शिक्षकहितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वक्त आ चुका है कि शिक्षक अपने संगठन और संघर्ष की ताकत से सरकार को आगामी लोकतंत्र के महापर्व में लोकतंत्र का बुनियादी सबक सिखा दे।
फुपुक्टा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, डॉ राजीव प्रकाश सिंह ने कहा कि यदि सरकार शिक्षक माँगो के प्रति बहरी हो जाये तो शिक्षक संगठनों के पास उसके इलाज के सौ औज़ार मौजूद है, आज का धरना उस इलाज का प्रथम चरण है यदि सरकार नहीं चेती तो उसका पतन निश्चित है।
धरने का संचालन सयुंक्त मंत्री पंकज सिंह ने किया।धरने को संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ रामजीत सिंह,उपाध्यक्ष डॉ राजीव त्रिपाठी,सयुंक्त मंत्री डॉ मनोज सिंह,कार्यालय मंत्री डॉ नीरज सिंह,कोषाध्यक्ष सरफ़राज़ नवाज़,प्रान्तीय प्रतिनिधि-आसिफ क़माल,सिधारी यादव के अतिरिक्त, डॉ  अजीत प्रसाद राय,डॉ कौशलेन्द्र विक्रम मिश्र,डॉ प्रशांत कुमार राय,डॉ प्रवेश कुमार सिंह,डॉ इंद्रजीत,डॉ शैलेन्द्र सिंह,डॉ बलवंत सिंह,डॉ सुधीर कुमार सिंह,डॉ ओ0 पी0 सिंह,डॉ नितिन कुमार राय आदि ने भी सम्बोधित किया।अध्यक्ष एवं महामंत्री ने अनुदानित स्ववित्तपोषित शिक्षकों से जुड़े वेतन व अन्य समस्याओं को भी अपने माँगपत्र में शामिल करते हुए ज़ोरदार ढंग से उनकी पैरवी की।इस अवसर पर अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षकों के अलावा स्ववित्तपोषित शिक्षक भी मौजूद रहे।अंत में शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह ने धरने को ऐतिहासिक बताते हुए सभी शिक्षकों के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त किया और माँगो के निर्धारित अवधि में पूरा न होने पर अगले आंदोलन के लिए सभी कमर कसने की अपील की।

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