मल्हनी से धनंजय सिंह का चुनाव लड़ना तयः सवाल सपा का कब्जा रहेगा बरकरार या होगी बेदखल ? पढ़े खबर


जौनपुर। जनपद के 367 मल्हनी विधान सभा से बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह को चुनाव मैदान में आने के बाद यह विधान सभा अति संवेदनशील की श्रेणी में आ गया है। हलांकि प्रशासन इसको लेकर खासा सतर्क जरूर है। इस विधान सभा पर अब सभी की निगाहे टिक गयी है। हलांकि वर्ष 2012 में जब से मल्हनी विधान सभा का गठन हुआ है बाहुबली नेता के सामने लड़ते हुए समाजवादी पार्टी अपना कब्जा बरकरार किये हुए है। लेकिन इस बार सपा को बेदखल करने के लिए बाहुबली नेता ने अपनी पूरी ताकत लगाने के साथ साम दाम दन्ड भेद सब कुछ दांव पर लगा सकते है। 
यहां बता दे मल्हनी 2012 के पहले रारी विधान सभा होती थी तब 2002 में बाहुबली नेता अपने जान की सुरझा की दुहाई देते हुए निर्दल चुनाव लड़े और जीत दर्ज कराये थे। इसके बाद 2007 में जदयू से चुनाव लड़े और अपने दम पर व
विजय हासिल किये। राजनीति में आगे बढ़ते हुए 2009 में बसपा के बैनर तले चुनाव लड़ते हुए सांसद बन गये और अपने पिता राजदेव सिंह को उप चुनाव में बसपा से विधायक बनवाने में सफल रहे। राजदेव सिंह रारी विधान सभा के अन्तिम विधायक रहे। 2012 के परिसीमन के समय यह क्षेत्र मल्हनी विधान सभा बन गया और यहां पर सपा का कब्जा हुआ पारसनाथ यादव विधायक चुने गये। 2017 के चुनाव में भी बाहुबली नेता चुनाव जंग में उतरे लेकिन पराजय मिली यहां तक कि पारसनाथ यादव के निधन के बाद 2020 में हुए उपचुनाव में धनंजय सिंह ने ताल ठोंका लेकिन सपा का कब्जा बरकरार रहा स्व पारसनाथ यादव के पुत्र लकी यादव विधायक बन गये। 
यहां एक बात और भी है कि 2012 के बाद से बाहुबली नेता धनंजय सिंह यूपी के अन्दर जनाधार वाले राजनैतिक दल से कई बार ताल मेल बैठाने का प्रयास किया लेकिन किसी भी दल से बात नहीं बन सकी इसीलिए 2012 से लगातार निर्दल चुनाव मैदान में आते रहे है। इस बार 2022 के आम चुनाव में निर्दल अथवा जदयू के टिकट पर 15 फरवरी को नामांकन दाखिल करने की पूरी तैयारी है। इनको चुनाव मैदान में आने से प्रशासन की नजर इस विधान सभा पर खास तौर पर टिक गयी है। 
इस चुनाव में सपा ने सिटिंग गेटिंग के तहत लकी यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है तो भाजपा ने जनसंघ के जमाने से केसरिया ध्वज के वाहक बने बड़े राजनैतिक परिवार के सदस्य पूर्व सांसद कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ केपी सिंह को चुनाव मैदान मे उतार दिया है। इनके साथ पिता स्व उमानाथ सिंह का नाम होने के साथ सबसे सरल सौम्य सहज सज्जनता की जो मुहर समाज में लगी है वह इनको खासा बल प्रदान करती है। हलांकि अभी बसपा ने अपना पत्ता नहीं खोला है लेकिन जन मत है कि इस विधान सभा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष जबरदस्त होने की प्रबल सम्भावना है। मल्हनी विधान सभा की कुल मतदाता संख्या 3 लाख, 73 हजार, 159 है जिसमें 1लाख 91 हजार 171 पुरूष और 01 लाख 81 हजार 684 महिला मतदाता है। जो अपने जन प्रतिनिधि का चुनाव 07 मार्च 22 को करने जा रहे है। 

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