सवालः शासनादेश का उल्लंघन कर परधानी में जुटे शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी कब ?


जौनपुर। प्रदेश की सरकार कानून को चाहे जितना शख्त कर ले लेकिन उसकी अवहेलना करने वालों पर कानून अथवा शासनादेश का कोई असर नहीं है। जनता चेचियाती रहती है ऐसे दबंग शासनादेश की खुली धज्जियां उड़ा रहे है और जिम्मेदार अधिकारी शिकायत के बाद भी कान में तेल डाले बहरे ही नजर आते है। जी हां ऐसा ही एक मामला जनपद जौनपुर के विकास खण्ड सिरकोनी स्थित ग्राम पंचायत सादीपुर का प्रकाश में आया है। जिसमें शासनादेश के उल्लंघनों के साथ गबन के शिकायती पत्र जिला प्रशासन सहित शासन और विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को प्रेषित किया गया है। लेकिन कार्यवाई न होने से शिकायत कर्ता खासा मर्माहत एवं दुखी है। 
यहां बता दें कि विकास खण्ड सिरकोनी क्षेत्र स्थित सादीपुर ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान सुनीता यादव चुनी गई है इनके पति अखिलेश यादव प्राथमिक विद्यालय मुफ्तीगंज विकास खण्ड क्षेत्र में शिक्षक है और खुद को मुफ्तीगंज ब्लाक का एआरपी बताते है। अखिलेश यादव शासनादेश का उल्लंघन करते हुए शिक्षण कार्य छोड़कर गांव की परधानी करते हुए सरकारी धन के लूट पाट में जुटे हुए है। इसकी तमाम शिकायते ग्राम पंचायत के निवासी राज कुमार नामक व्यक्ति करता चला आ रहा है लेकिन शिकायत का कोई असर शिक्षक प्रधान पति के उपर नहीं पड़ रहा है। यह एक बड़ा सवाल सरकारी तंत्र के समक्ष है। 
शिकायत कर्ता का स्पष्ट आरोप है कि शिक्षक अखिलेश यादव अपने शिक्षण कार्य को न करते हुए ग्राम पंचायत में पत्नी के नाम पर प्रधान का काम संचालित कर रहे है जो शासनादेश के विरूद्ध है। पंचायत नियमों के अनुसार ग्राम प्रधान किसी को अपना प्रतिनिधि नही बना सकता है इसके बाबत शासनादेश जारी किया जा चुका है। इतना ही नहीं अखिलेश यादव विद्यालय में शैक्षिक कार्य करने के बजाय कोचिंग सेंटर चलाते है ऐसा शिकायत कर्ता का कथन है। शिकायत कर्ता ने लूट पाट के खेल में अखिलेश के भाई को भी सहयोगी बताया है। 
आरोप है की अखिलेश यादव एवं सिक्रेटरी ने मिलकर भारत सरकार की एसएलडब्लूएम योजना में भारी गोलमाल करते हुए लगभग तीन से चार लाख रुपए का गबन करते हुए आपस में पैसे का बन्दर बांट कर लिया गया है इसकी शिकायत की गयी लेकिन कोई भी कार्रवाई न होने से उपरोक्त के हौसले बुलंद है और वह लगातार भ्रष्टाचार को अंजाम देता नजर आ रहा है। इतना ही नहीं सरकारी प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक विकास खण्ड और तमाम बैठको में प्रधान के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहकर बैठको का हिस्सा बनता है और प्रधान की तरफ से पक्ष भी रखता है लेकिन अधिकारीयों का ध्यान क्यों नहीं अधिकारी ही जान सकते है।
शिकायत कर्ता ने फिर जिलाधिकारी सहित सीडीओ, जिला पंचायत राज अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी के अलांवा मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायती पत्र भेजते हुए पूरे मामले की गहन जांच करते हुए शासनादेश का उल्लंघन करने एवं भ्रष्टाचार के जरिए सरकारी धन की लूट करने वाले उपरोक्त के विरुद्ध विधिक कार्यवाई की मांग किया है। 

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