निकाय चुनाव में भाजपा ने सुभासपा को दिया जोर का झटका धीरे से, अब अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान


लोकसभा चुनाव में भाजपा से हाथ मिलाने के
सपने देख रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को नगर निकाय के चुनाव में ही भाजपा ने जोर का झटका धीरे से दे दिया है। इसके अब अपने दम पर नगर निकाय चुनाव में उतरने का फरमान राजभर ने जारी किया है। खबर है कि वह निकाय चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ना चाहते थे और खासा प्रयास भी किये लेकिन बात नहीं बनी तो अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इसके लिए राजभर ने पार्टी के पदाधिकारियों को चुनाव की तैयारी करने का फरमान भी सुना दिया है।
दरअसल सपा से गठबंधन टूटने के बाद से ही राजभर का झुकाव भाजपा की ओर हो गया और खराब संबंधों के सुधारने में जुटे रहे मौके-मौके पर इसके संकेत भी आने लगे थे ।बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुए नोंकझोक के दौरान राजभर जिस तरह से सरकार के पक्ष में खड़े दिखे और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की घेरेबंदी की, उससे भी भाजपा और सुभासपा के बीच सियासी खिचड़ी पकने के संकेत मिल रहे थे। 
कई मौके पर राजभर ने भी सार्वजनिक तौर पर कहना शुरू कर दिया कि यदि हमारी मुद्दों पर भाजपा सहमत होती है तो उसे भाजपा का साथ देने से कोई परहेज नहीं होगा। भाजपा को लेकर राजभर के रुख में नरमी देखकर सियासी गलियारों में यह कयास लगने लगे थे कि राजभर फिर भाजपा से हाथ मिला सकते हैं। 
इस बीच राजभर द्वारा दिल्ली और प्रदेश में भाजपा नेताओं से हुई कई मुलाकातों से भी इस कयास को बल मिला। माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर से राजभर को साथ ले सकती है। उधर राजभर लोकसभा से पहले हो रहे निकाय चुनाव में ही रिहर्सल के तौर पूर्वांचल के कुछ नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में चुनाव लड़ने के लिए समर्थन पाने के लिए भाजपा को टटोलने शुरू किया। इसके लिए उन्होंने भाजपा के कुछ रणनीतिकारों से चर्चा भी की थी।
सूत्रों का कहना है कि निकाय चुनाव में भाजपा से समझौता के प्रयास में जुटे राजभर ने कई बार पूर्वांचल के एक दर्जन से अधिक जिलों में राजभरों की संख्या को प्रभावशाली बताकर अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा को लुभाने की कोशिश भी की थी। भाजपा को लगातार यह संदेश भी देते रहे कि पूर्वांचल के उन जिलों में भी राजभर जाति अपने बल पर चुनाव जीताने की स्थिति में हैं, जिन जिलों में विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा है।


फिलहाल राजभर के तमाम प्रयासों के बाद भी भाजपा से बात नहीं बन पाई है भाजपा ने राजभर को झटका दे दिया ऐसे में राजभर ने अब अकेले निकाय चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। साथ ही वह यह भी कहते हैं कि यदि निकाय चुनाव में भाजपा का समर्थन मिलता तो इसका सबसे अधिक फायदा भाजपा को ही होता। बहरहाल भाजपा से नाउम्मीद हो चुके राजभर ने पार्टी पदाधिकारियों को अपने दम पर चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दे चुके हैं।

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