वकीलो के रोबदारी पर अंकुश लगाने के लिए हाईकोर्ट ने जानें क्या दिया है शख्त आदेश


इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कुछ वकीलों द्वारा विवादित जमीनों के मामलों में मौके पर यूनिफॉर्म में जाकर हस्तक्षेप करने व भू माफियाओं का सहयोग करने की घटनाओं पर सख्त रुख अपना कर अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने यूपी बार काउंसिल को आदेश दिया कि वह इस आशय का दिशा-निर्देश जारी करे कि अधिवक्ता कोर्ट परिसर के बाहर यूनिफार्म न पहनें। इससे ऐसे वकीलों की रोबदारी पर अंकुश लगेगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने अधिवक्ता शुभांशु सिंह की याचिका पर दिया। याची का कहना था कि वह सिविल कोर्ट, लखनऊ में प्रैक्टिस करता है। 21 सितंबर 2023 को कुछ अधिवक्ताओं ने उसके साथ मारपीट व लूट की, जिसकी उसने एफआईआर भी दर्ज कराई। याचिका में मामले की विवेचना सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की गई है। याची का यह भी कहना है कि उसने घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने की प्रार्थना जनपद न्यायाधीश से भी की है।
कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए, संबंधित एडीसीपी से विवेचना की स्थिति तलब की है। साथ ही जनपद न्यायाधीश, लखनऊ से भी पूछा है कि उन्होंने याची के अनुरोध पर क्या कदम उठाया? सुनवाई के दौरान ही कोर्ट के समक्ष यह तथ्य भी आया कि जमीनों आदि के विवाद में कुछ अधिवक्ता यूनिफार्म पहनकर मौके पर पहुंचते हैं और वकील होने का प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं। इस पर कोर्ट ने बार काउंसिल को इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब ऐसे वकीलों की मनमानी पर रोक लगने का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही काले कोट की रोबदारी पर भी अंकुश लगेगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 नवम्बर को नियत की है।

Comments

Popular posts from this blog

जौनपुर संसदीय सीट पर टिकट परिवर्तन की अफवाह पर बसपा के मंडल क्वार्डिनेटर की दो टुक,मतदाता अफवाहो से बचे

लोकसभा चुनावः बसपा का टिकट बदला श्रीकला धनंजय सिंह हटी,श्याम सिंह यादव चुनावी मैदान में,निकलने लगे है राजनैतिक मायने

नौ फर्जी पत्रकार गिरफ्तार पुलिस विभाग के अधिकारी ने पूरे प्रदेश के जिलो में अभियान चलाने का दिया निर्देश