लोकसभा चुनावः बसपा का टिकट बदला श्रीकला धनंजय सिंह हटी,श्याम सिंह यादव चुनावी मैदान में,निकलने लगे है राजनैतिक मायने


जौनपुर।  जनपद की सियासत में हड़कंप मचाने वाली श्रीकला धनंजय सिंह रेड्डी का लम्बी जद्दोजहद और हां  ना की अटकलो के बाद आज नामांकन के अन्तिम दिन 06 मई 24 की सुबह भाजपा नेतृत्व के दबाव में बसपा नेतृत्व ने बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह के लिए मनहूस खबर जारी करते हुए अपने निवर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव को बलि के वेदी पर चढ़ते हुए टिकट थमा दिया है।
श्रीकला धनंजय सिंह के टिकट कटने से धनंजय सिंह समर्थको में जबरदस्त मायूसी के साथ साथ भाजपा नेतृत्व के प्रति गुस्सा भी अपने चरमोत्कर्ष पर है।
श्रीकला धनंजय सिंह के टिकट कटने की खबर आग की तरह जौनपुर सहित पूरे प्रदेश फैली और श्याम सिंह यादव के घर बसपाईयो का जमावड़ा लग गया 06 मई 24 नामांकन की अन्तिम तिथि को दिन में लगभग एक बजे के आसपास श्याम सिंह यादव बसपा के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे ऐसा उन्होंने मीडिया के समक्ष अपने बयान में कहा है।
जन चर्चा के अनुसार श्रीकला को धनंजय सिंह को टिकट काटने के पीछे भाजपा से चुनाव लड़ रहे जौनपुर संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी की भूमिका अहम मानी जा रही है। इसके साथ ही नेतृत्व द्वारा उनको पुन: सलाखो के पीछे भेजने जैसी धमकी की भी चर्चा लोग करते नजर आए है। हलांकि कारण जो भी रहा हो लेकिन अब धनंजय सिंह और उनके परिवार को राजनैतिक परिदृश्य से दूर कर दिया गया है। निर्दल चुनावी जंग में आने के बाबत जानकारी करने का प्रयास किया गया लेकिन धनंजय सिंह के समर्थक कुछ भी बोलने से मना करते रहे। श्रीकला धनंजय सिंह के चुनाव प्रभारी अशोक सिंह ने निर्दल चुनाव को औचित्य विहीन बताया इससे संकेत है कि धनंजय सिंह और उनका परिवार चुनाव से दूर रहेगा।
यहां बता दें जिस रणनीति के तहत श्याम सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारने का खेल किया गया है वह भाजपा और सपा के लिए कितना असर कारी होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है। लेकिन जब सपा नेतृत्व अखिलेश यादव ने जौनपुर संसदीय क्षेत्र से बाबूसिंह कुशवाहा को सपा का प्रत्याशी घोषित किए थे उसके बाद 13 अप्रैल 24 को जारी श्याम सिंह यादव का एक श्राप पत्र अखिलेश यादव को लेकर वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने यह भी जिक्र किया था कि लोकसभा का चुनाव सपा के टिकट पर लड़ने की मांग किया था लेकिन अखिलेश ने श्याम सिंह यादव को धोखा दिया था। उस पत्र को लेकर यादव समाज के बीच जबरदस्त आलोचना भी हुई थी। अब वह पत्र कितना असर दिखाएगा यह भी भविष्य के गर्भ में ही है। हलांकि श्याम सिंह यादव को बसपा से चुनाव मैदान में आने से और श्रीकला धनंजय सिंह को चुनावी मैदान से हटने के बाद अब चुनावी समीकरण में फिर एक नया बदलाव का संकेत मिलने लगा है। लेकिन अन्तिम जंग तो सपा बनाम भाजपा के बीच ही होने की प्रबल संभावना है।

Comments

Popular posts from this blog

गयादीन विश्वकर्मा इण्टर कालेज के विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा में बच्चों ने लहराया परचम

जालसाज़ी के आरोप में जेल में बंद एक बंदी की मौत

जौनपुर पुलिस व एसटीएफ लखनऊ की बड़ी कामयाबी, 50 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार