केन्द्र की भाजपा सरकार कृषि बिल के जरिए किसानों को बर्बाद करने पर तुली है- अखिलेश यादव



लखनऊ: केंद्र सरकार की ओर से संसद में लाए कृषि विधेयकों का खुला विरोध कर रही समाजवादी पार्टी ने भाजपा सवालों के कटघरे में खडा करते हुए निशाना साधा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियां किसान और नौजवान विरोधी है। भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। खेती को अमीरों के हाथों गिरवी करने के लिए ही केंद्र की मोदी सरकार शोषणकारी विधेयक लायी है। ये खेतों से किसानों का मालिकाना हक छीनने का साजिश है।
श्री यादव ने एक बयान जारी कर कहा कि केन्द्र सरकार का संसद में लाया गया कृषि बिल वास्‍तव में किसानों के साथ बड़ी साजिश है और यह पूरी तरह किसान विरोधी है। इससे एमएसपी सुनिश्चित करने वाली मंडियां धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी। भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वो अपनी ही जमीन पर मजदूर बन कर रह जाएगा। कृषि और किसान ही है जो कोरोना महामारी के कठिन समय में देश की अर्थव्यवस्था सम्हाले हुए है लेकिन अब इस खेती पर बड़े उद्योगपतियों की नजर है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकार जब से सत्ता में आयी है, उसने अपनी नीतियों और कार्यों से किसान को त्रस्त कर रखा है।
किसानों को यूरिया खाद भी इस सरकार में ब्‍लैक मार्केट से खरीदनी पड रही है। गन्ना पेराई का नया सत्र आने वाला है, लेकिन पिछले सत्र का 15 हजार करोड़ रूपया बकाया है। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सरकार चुप्पी साध लेती है। सरकार और मिल मालिकों की सांठ-गांठ हो रखी है और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड रहा है। नौजवानों को लगातार धोखा दे रही भाजपा ने चुनाव के समय नौकरियों के नाम पर युवाओं से कितना झूठ बोला यह अब पता चल रहा है। नौजवान, किसान तथा आम आदमी भाजपा की धोखे की राजनीति को समझ रहा है।
उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकारों की जन विरोधी नीतियों को ऐसे भी समझा जा सकता है कि इन दिनों कोरोना की वजह से जब हर आदमी आर्थिक संकट से जूझ रहा है तो भाजपा सरकारें जरूरी चीजों का दाम बढाकर लोगों को और संकट में डालने का काम कर रही हैं। इस सरकार में हमेशा ऐसा होता है कि जब किसान के खेत में फसल रहती है तो उसे दाम नहीं मिलता लेकिन बाद में उसके दाम आसमान छूने लगते हैं। प्‍याज, टमाटर और आलू जैसी फसलों का किसान हमेशा ठगा जाता है और आम आदमी इसका हर्जाना चुकाता है। कोरोना काल में जबकि हर व्यक्ति आर्थिक संकट से जूझ रहा है। लोगों की जेब खाली है। ऐसे में खाने-पीने की चीजों व सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने जनता के सामने नया संकट पैदा कर दिया है।

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