संचारी रोगो नियंत्रण अभियान में लापरवाही बरतने वालों की खैर नहीं- मनीष कुमार वर्मा डीएम



जौनपुर। जिले में 01 से 31 मार्च तक चलने वाले  विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के सम्बन्ध में आज  जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा अभियान के नोडल विभागों द्वारा कराये जाने वाले कार्यो के तैयारी की समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान सभी विभागों की कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी संबंधित अधिकारी/कर्मचारी संचारी रोग अभियान की पूरी तैयारी कर लें, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। उन्होंने कहा कि इसके संबंध में समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत तथा खंड विकास अधिकारी बैठकें करवा ले। उन्होंने कहा कि इस अभियान में एसडीएम, डीपीआरओ, डीएसओ तथा सीडीपीओ का सहयोग लें। इस अभियान में लापरवाही बरतने वालों की खैर नहीं होगी। 
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार से संबंधित रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों हेतु जनपद, ब्लॉक तथा पंचायत/ग्राम स्तर पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय हेतु नोडल विभाग का कार्य करेगा। संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार केसेस की निगरानी, रोगियों के उपचार की व्यवस्था, रोगियों के निःशुल्क परिवहन हेतु रोगी वाहन की व्यवस्था, वाहक नियंत्रण गतिविधियां, ग्रामीण क्षेत्रों में वाहक के घनत्व का आकलन, स्रोतों में कमी, लारवा रोधी गतिविधियां तथा आवश्यकतानुसार फागिंग, प्रचार प्रसार एवं व्यवहार परिवर्तन गतिविधियां, मॉनिटरिंग सर्वेक्षण रिपोर्ट अभिलेखीकरण तथा विश्लेषण, न्यूरो रिहैबिलिटेशन का कार्य करेंगे।
  नगर विकास विभाग के द्वारा नगरी क्षेत्रों में वातावरण तथा व्यक्तिगत स्वच्छता के उपायों, खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों के रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान संचालित करना, खुली नालियों की ढकने की व्यवस्था, नालियों कचरा की सफाई करवाना, शहरी क्षेत्रों में फागिंग करवाना, उछलने हेण्डपंपों का प्रयोग रोकने के लिए उन्हें लाल रंग से चिन्हित किया जाना, हैण्डपंपों के पाइप को चारों ओर से कंक्रीट से बंद करना, हैण्डपंपों के पास अपशिष्ट जल के निकलने हेतु सोकपीट का निर्माण, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता हेतु हैण्डपंप की रिबोरिग एवं पेयजल की गुणवत्ता के अनुश्रवण के लिए बैक्टीरियोलॉजिकल/वायरोलॉजिकल जांच, आबादी में इण्डिया मार्का टू हैण्डपंपों, मिनी पब्लिक वाटर सप्लाई, टैंक टाईप स्टैंड पोस्ट की मानक के अनुसार स्थापना एवं अनुरक्षण, जलभराव तथा वनस्पतियों की विधि को रोकने के लिए सड़कों का पेवमेंट का निर्माण करना, सड़कों के किनारे उगी वनस्पतियां नियमित रूप से हटाया जाना, शहरी क्षेत्रों एवं शहरी मलिन बस्तियों के संवेदनशील आबादी समूहों में अपनी गतिविधियों को केंद्रित करना, संवेदनशील क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्त करना है।
पंचायती राज विभाग/ग्राम विकास विभाग के द्वारा ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ-धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन जागरण के लिए प्रचार प्रसार, वीएचएसएनसी के माध्यम से संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार के रोकथाम हेतु ’’क्या करें क्या न करें’’ का सघन प्रचार प्रसार करेंगे, उथले हैण्डपंप को चिन्हित कर जनता को उनके प्रयोग न करने के लिए जागरूक करेंगे, खराब इंडिया मार्का टू हैंड पंपों की मरम्मत एवं निरंतर क्रियाशील रखना एवं उसके चारों ओर चबूतरा बनवाना, सामुदायिक वाटर फिल्टर, व्यक्तिगत वाटर फिल्टर तथा वाटर पंप युक्त टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट की स्थापना (माइक्रोंफाइनेन्स योजनाओं के द्वारा), पेयजल स्रोतों संसाधनों से शौचालय की दूरी के उपाय, शौचालय/सीवर से पेयजल प्रदूषित न होने देने के लिए आवश्यक उपाय, वेक्टर कन्ट्रोल के लिए जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई, ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा से फागिंग की व्यवस्था, अपशिष्ट रुके हुए पानी तथा मच्छरों के प्रजनन की समस्याओं को रोकने के लिए गड्ढों का भराव तथा मकानों के बीच कंकरीट तथा पक्की ईटों वाली सड़कों का निर्माण कराने का निर्देश दिया।
पशुपालन विभाग के द्वारा सूअर पशुपालकों को अन्य व्यवसाय जैसे पौल्ट्री उद्योग को अपनाने हेतु जागरूक/प्रेरित करना, इसके अतिरिक्त सूकर पालन स्थल पर वेटर नियंत्रण एवं सीरो सर्विलेंस व्यवस्था करना, सुअर बाड़े मनुष्य आबादी से दूर स्थापित करवाना।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संचारी रोग कथा दिमागी बुखार हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर सेंसीटॉइज किया जाना, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा अपने क्षेत्र के समस्त कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों की सूची बनाकर उनको उचित पोषाहार उपलब्ध कराना तथा आवश्यकता होने पर पोषण पुनर्वास केंद्र पर उपचार तथा पोषण पुनर्वास हेतु भेजना, एईएस/जेई रोग से विकलांग कुपोषित बच्चों को अति कुपोषित बच्चों की भांति पुष्टाहार/टेक होम राशन उपलब्ध कराना का कार्य करेंगी।
शिक्षा विभाग के द्वारा हर दिन प्रार्थना सभा में बच्चों को मुख्य दिमागी बुखार संदेश बताएं और विशेषकर सुरक्षित पीने का पानी शौचालय का प्रयोग खुले में शौच के नुकसान पर जोड़ दें, दिमागी बुखार तथा संचारी रोगों पर एक विशेष 40 से 50 मिनट की कक्षा लगाएं (हर बुखार खतरनाक हो सकता है, दिमागी बुखार के कारण क्या है, बुखार होने पर क्या करें क्या ना करें, यह जरुर बताया जाय), बच्चों के साथ सामुदायिक गतिविधियों आयोजित करें, हर दिन उपस्थित रजिस्टर्ड जांचे। जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया कि प्रत्येक सोमवार को विद्यालय से जागरुकता रैली निकाले।  
कृषि एवं सिंचाई विभाग द्वारा जमे हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकने तथा सिंचाई के वैकल्पिक उपायों पर अपनी तकनीकी सलाह देना, मच्छर रोधी पौधों का उगाया जाना, विभागीय पौधाशाला से पौधे तथा बीज उपलब्ध कराना, खेतों में मच्छरों के प्रजनन को रोकने कम करने हेतु नई तकनीकों के प्रयोग के लिए मदद करना, ताकि मच्छर के प्रजनन के स्थान कम से कम रहे।
 बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुपम शुक्ला, मुख्य राजस्व अधिकारी राजकुमार द्विवेदी, डॉक्टर आर.के.सिंह, समस्त अधिशासी अधिकारी नगरपालिका/नगर पंचायत सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

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