फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षिका बनी 15 हजार रूपये की इनामी मंजेश उर्फ अंजली पहुंची जेल, जाने क्या है पूरा घटनाक्रम


पुलिस ने आज सोमवार को रायबरेली से पंद्रह हजार की इनामी शिक्षिका का गिरफ्तार किया है। आरोप है कि फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों पर कस्तूरबा गांधी आवासी बालिका विद्यालय बछरावां में नौकरी करती है। बता दें कि इससे अंबेडकरनगर और गोंडा जिलों में भी अनामिका नाम से शिक्षक की नौकरी का मामला प्रकाश में आया था। जानकारी के मुताबिक पुलिस की पकड़ में आई फर्जी अनामिका का असली नाम मंजेश कुमारी उर्फ अंजली है और वो कन्नौज के रामपुर बेहटा थाना अंतर्गत सौरिख गांव की निवासिनी है़। पुलिस के अनुसार, पिछले करीब छह महीनों से मंजेश लखनऊ के ठाकुरगंज में निजी अस्पताल में नर्स की नौकरी कर रही थी और इस बार उसने अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र लगाए थे। पुलिस ने उसे हॉस्पिटल से गिरफ्तार किया है।
पूंछताछ में पता चला है़ कि 8 मार्च, 2019 को मंजेश ने खुद को अनामिका शुक्ला बताकर बछरावां के विद्यालय में फुल टाइम टीचर की नौकरी हासिल किया और फिर 7 मार्च, 2020 को वह होली की छुट्टी पर चली गई थीं। पुलिस के अनुसार, 14 मार्च को उसे आना था, लेकिन उसने फिर छुट्टी ले ली। तभी कोरोना की पहली लहर आ गई और लॉकडाउन लगा दिया गया। इसी दौरान मानव संपदा पोर्टल पर कर्मचारियों व अधिकारियों का डेटा फीड किया जाने लगा, जिसमें मंजेश का फर्जीवाड़ा पकड़ा में आया। फिर जब दीक्षा एप पर जब विद्यालय वार डेटा फीडिंग कराई गई तो पूरा मामला सामने आ गया। इसके बाद बीएसए रायबरेली के निर्देश पर 20 जून, 2020 को फर्जी अनामिका शुक्ला के खिलाफ बछरावां थाने में केस दर्ज कराया गया। पुलिस तब से उसकी तलाश कर रही थी और उस पर इनाम भी घोषित कर दिया गया था। एसपी ने बताया कि अनामिका प्रकरण में आरोपित मंजेश कुमारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस टीम अभी उससे पूछताछ कर रही है।

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