आकंठ भ्रष्टाचार में गोताखोरी कर रहे सीएमएस के तमाम हैरतअंगेज कारनामें फिर भी जिम्मेदार क्यों है चुप? छात्र भी शोषण की जद में



जौनपुर। आकंठ भ्रष्टाचार में गोताखोरी कर रहे जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ एके शर्मा के भ्रष्ट कारनामों की चपेट में अब मेडिकल में फार्मासिस्ट की पढ़ाई करने वाले छात्र छात्रायें भी आ गये है। शासन से लगायत जिला प्रशासन के अधिकारी तक सीएमएस के भ्रष्ट कारनामों से बेहद खफा है और शासन सहित विभागीय मंत्री तक इनकी शिकायतों को होने के बाद भी भ्रष्टाचार पर लगाम न लगना अथवा इस भ्रष्टाचारी के खिलाफ कार्रवाई का न होना पूरा स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम सवालों के कटघरे में खड़ा होता नजर आ रहा है। 
यहां बता दें कि इस अधीक्षक चिकित्सक द्वारा जिला अस्पताल को हर तरह से खोखला किया जा रहा है अस्पताल के लिए आने वाली व्यवस्थाओं को बाजार में पहुंचा कर धनोपार्जन करने वाला यह अस्पताल का चिकित्सधीक्षक अपने महा भ्रष्ट बाबू पीसी राव के जरिये छात्र छात्राओं को धड़ल्ले से लूटने का काम कर रहा है। शासन प्रशासन से लेकर मंत्री विधायक कोई भी इसके खिलाफ एक्शन नहीं ले पा रहा है। 
शासनादेश है कि फार्मासिस्ट की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र छात्राओं को अन्तिम वर्ष में प्रेटिकल शिक्षा के तहत जिला अस्पताल में तीन से चार महीने तक इन्ट्रेन्सिप करना पड़ता है। जनपद जौनपुर में इसके लिए जिला अस्पताल अधिकृत है। छात्र छात्राओं को इस प्रेटिकल पढ़ाई के लिए सीएमएस एवं उसके बाबू पीसी राव के द्वारा खुले आम 10 से 15 हजार रुपए छात्रो से लेकर ही प्रेटिकल पढ़ाई (इन्ट्रेन्सिप) की अनुमति एवं प्रमाण पत्र दिया जाता है। छात्र ने अगर सोर्स लगाया तो एक जबाब मिलता है जगह खाली नहीं है पैसा लेते जगह खाली हो जाती है और अनुमति दे दिया जाता है। इस खेल से सीएमएस और बाबू दोनो लाखों की खुली कमायी कर रहें है। 
सूत्र की माने तो जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी एवं जन प्रतिनिधिगण भी शासन और विभागीय मंत्री से सीएमएस के भ्रष्ट कारनामों की शिकायत कर चुके है लेकिन शासन स्तर से सीएमएस के खिलाफ अभी तक न तो कोई विधिक कार्यवाई की गई न ही ऐसे भ्रष्टाचारी से जनपद को मुक्त ही कराया जा सका है। इसके अलांवा इस सीएमएस के भ्रष्टाचार यहीं पर नहीं रूकते है। सीएमएस सर्जन है और आपरेशन के नाम पर सरकारी अस्पताल के अन्दर अपने प्राइवेट दलाल के जरिये प्रति आपरेशन 5 से 10 हजार रुपए तक खुलेआम घूस ले रहा है किसी भी जिम्मेदार को यहां व्याप्त यह भ्रष्टाचार नहीं नजर आ रहा है। इसके अलांवा लोकल पर्चेजिंग का कागजी बाजीगरी का खेल इसी बाबू पीसी राव के जरिए कराकर सरकार को भी चूना लगाने का काम सीएमएस बड़े धड़ल्ले के साथ कर रहा है जिम्मेदारों का मौन रहना उन्हें सवालो के कटघरे में खड़ा करता है।
इसके अलांवा इस भ्रष्ट डाक्टर के अनेक भ्रष्टकारनामें है। मरीज परेशान होते है व्यवस्था के नाम पर कागजी बाजीगरी के अलांवा यहां कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। जनपद का हर नागरिक शासन पर नजर लागाये हुए है कि जनपद को इस भ्रष्टाचारी एवं लुटेरे सीएमएस से कब निजात मिल सकेगी। यहां एक दिलचस्प घटना का जिक्र करना जरूरी है कि विगत लगभग दो सप्ताह पूर्व एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी लोकप्रियता के लिए जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया उन्होंने आल इज वेल कर दिया उपरोक्त भ्रष्टाचार पर नजर डालने की जरूरत नहीं समझा। इतना ही नही प्रदेश सरकार से नामित नोडल अधिकारी भी जौनपुर दौरा के दौरान गंदगी तो देखे लेकिन अन्दर खाने में हो रही लाखों की लूट के खेल पर उनकी नजर क्यों नहीं गयी यह एक बड़ा सवाल है। 

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