पूर्वांचल की राजनीति का एक किला आज और ढहा, सुखदेव राजभर का हुआ निधन



जौनपुर। दुःखद खबर आयी है कि यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव राजभर का आज लखनऊ स्थित एक में अस्पताल में निधन हो गया है वह 73 साल के हो गये थे। उनके निधन की खबर आते ही समर्थको एवं शुभ चिन्तको में शोक की लहर छा गयी है। 
सुखदेव राजभर जी पांच बार विधायक और एक बार एम एल  सी के रूप में उत्तर प्रदेश के सदन में जनता की आवाज उठाते रहे है। श्री राजभर अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत बसपा के बैनर तले करते हुए दो बार मंत्री और एक बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष की जिम्दारी का निर्वहन पूरी निष्ठा और इमानदारी के साथ निभाये थे। श्री राजभर प्रदेश के साथ पूर्वांचल के बड़े नेताओ में शुमार रहे है। 
एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले श्री राजभर मूल रूप से जनपद आजमगढ़ के बड़गहन के निवासी थे लेकिन शिक्षा दीक्षा जनपद जौनपुर से होने के नाते जौनपुर से गहरा लगाव था। अपने राजनैतिक जीवन में श्री राजभर गरीबो के मसीहा के रूप में उभरे और दलित शोसित समाज के हितो के लिए अनवरत लड़ाई लड़ते रहे है। लम्बी समय से बीमार रहने के चलते इधर कुछ समय से सक्रिय राजनीति सै अलग हो गये थे और बसपा को अपने मूल सिद्धांतो से भटकने पर पुत्र को सपा से जोड़ दिया था और खुद राजनीति से सन्यास ले लिये थे। 
श्री राजभर के निधन से जहां पूर्वांचल की राजनीति में एक बड़ी क्षति मानी जा रही है वही पर गरीब और कमजोर वर्ग की लड़ाई लड़ने वाले एक मसीहा का अन्त हो गया है। 

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