अखिलेश यादव बने सपा विधायक दल के नेता, सदन में योगी से करेंगे मुकाबला
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को शनिवार को समाजवादी पार्टी विधायक दल के नेता चुना गया है। शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की बैठक में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से समाजवादी पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को ही सपा विधायक दल की शनिवार को हुई बैठक में नेता प्रतिपक्ष सर्वसम्मति से चुन लिया गया। अखिलेश को विधानमंडल दल का भी नेता चुना गया है। अब विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी को बतौर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव घेरेंगे। सपा के प्रदेश कार्यालय में शनिवार को हुई नवनिर्वाचित विधायकों की पहली बैठक में मिल्कीपुर के विधायक अवधेश प्रसाद ने नेता प्रतिपक्ष के लिए अखिलेश यादव के नाम का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का समर्थन निजामाबाद के विधायक आलमबदी ने किया। इसके बाद सभी विधायकों ने समर्थन कर सर्वसम्मति से सपा अध्यक्ष अखिलेश को विधायक दल का नेता चुन लिया। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि विधानमंडल दल के नेता के तौर पर भी अखिलेश यादव को चुना गया है। इसका प्रस्ताव कटेहरी के विधायक लालजी वर्मा ने रखा, जिसका समर्थन वरिष्ठ समाजवादी नेता व एमएलसी राजेन्द्र चौधरी ने किया। इसके बाद सभी विधायकों व विधान परिषद सदस्यों ने अखिलेश को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सपा सदन के अंदर व बाहर मजबूती से जनता की समस्याओं को उठाएगी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रदेश में अपनी जमीन और मजबूत करने के लिए लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर प्रदेश में काम करने का बड़ा निर्णय लिया है। प्रदेश में फिर से योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने से अखिलेश यादव के सामने अपने कार्यकर्ताओं को संगठित रखना भी बड़ी चुनौती है, इसी चुनौती को भांपते हुए अखिलेश ने यह कदम उठाया है। इससे कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाएगा कि भले ही पार्टी 111 सीटें जीती हों, लेकिन जोश कम नहीं हुआ है। सपा अगले पांच साल तक सदन से लेकर सड़क तक जनता की लड़ाई लड़ती रहेगी। सपा को इस चुनाव में अब तक का सर्वाधिक 32.10 प्रतिशत मत मिले हैं। इन मतों को सहेजने के साथ ही नए मतदाताओं को जोडऩे की चुनौती उनके सामने है।
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