भाजपा में जौनपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद बनने का सपाना संजोने वाले नेताओ की जानें स्थिति,जनता के बीच क्या है चर्चा


जौनपुर। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा सांसद बनने सपना संजोने वाले नेताओ और गैर नेताओ की एक लम्बी फेहरिस्त अब धीरे धीरे दृष्टिगोचर होने लगी है।बड़ी तादाद में ऐसे नाम सड़क की पटरियों पर गड़े खम्भो और होडिंग आदि पर टंगे नजर आने लगे है तो कुछ ऐसे भी नये पुराने नेता है जो प्रतिदिन संसदीय क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए यह संकेत भी कर रहे है कि वह टिकट के प्रबल दावेदारो में शामिल है। हलांकि टिकट किसे मिलेगा कौन लड़ेगा किसका भाग्य चमकेगा यह सब तो अभी भविष्य के गर्भ में है। लेकिन हर नजरिए से भाजपा का प्रचार प्रसार अभी से सम्भावित टिकटार्थियों द्वारा शुरू कर दिया गया है। जबकि अन्य राजनैतिक दल के लोग अभी प्रत्याशी घोषित होने का इंतजार कर रहे है।
जनपद की जौनपुर संसदीय सीट की बात करे तो यहां भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए जो चेहरे सक्रिय नजर आ रहे उसमे लगभग सभी क्षत्रिय समाज के लोग है।चुनाव की तैयारियों के तहत लगभग एक दर्जन से अधिक लोग तो पोस्टर बैनर के जरिए सड़क के खम्भो पर लटकते देखे जा रहे है।जिसमे पूर्व विधायक हरेन्द्र प्रताप सिंह, मनोज कुमार सिंह ,अजय सिंह ,कोई एसडी सिंह आदि लोग है। तो दो पूर्व आईएएस अधिकारी सांसद बनने की चाहत लिए हुए आम जन के बीच किसी न किसी बहाने उपस्थित दर्ज करा है। इसमें दिनेश कुमार सिंह जो मूलतः प्रतापगढ़ के निवासी है और वर्तमान लखनऊ में आवास बनाए हुए है जौनपुर के डीएम रह चुके है और कोरोना काल में खासा धनोपार्जन करने के लिए चर्चाओ में रहे। दूसरे अभिषेक सिंह का नाम है जो लम्बे समय से निलंबित रहे और अभी चन्द दिवस पूर्व अक्टूबर 23 के प्रथम सप्ताह में आईएएस पद से इस्तीफा दे दिए है। इसके अलांवा मुम्बई के उद्योग पति और जौनपुर मूल के निवासी ज्ञान प्रकाश सिंह का नाम खूब चर्चाओ में है जन सेवा के जरिए विगत कई वर्षो से आम जनमानस के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराए हुए है। पूर्व सांसद केपी सिंह भाजपा बड़े नेताओ में शुमार रहने वाले स्व उमानाथ सिंह के पुत्र है एक चुनाव जीते है और इसके बाद दो चुनाव लड़े दोनो में पराजय का सामना करना पड़ा है। भाजपा के पुराने नेताओ में शुमार पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह भी इस बार सांसद बनने के लिए संसदीय क्षेत्र का भ्रमण शुरू कर दिए है। 
यहां बता दे कि चुनाव लड़ने की मंशा रखने वाले इन नेताओ के आकाओ का जो नाम प्रकाश में आया है उसके अनुसार पूर्व सांसद केपी सिंह, पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह तथा अभिषेक सिंह को सबसे मजबूत माना जा रहा है।हलांकि डीके सिंह भी उपर अपनी बड़ी पकड़ होने का दावा करते फिर रहे है। यहां एक बात और साफ नजर आ रही है कि चुनाव लड़ने का सपना संजोने वाले इन नेताओ को टिकट पाने के लिए अपने आकाओ का ही भरोसा है उनके अपने कोई वजूद नहीं है कि नेतृत्व बुलाए और कहे कि चुनाव लड़ो। 
एक खबर यह भी है कि सांसद बनने का सपना देखने वाले इन नेताओ में कोई आर एस एस (संघ) के सहारे है तो कोई देश के बड़े उद्योग पतियों के जरिए टिकट हथियाने की फिराक में तो प्रदेश प्रभारी का दामन पकड़े है तो कोई सीधे मोदी और अमित शाह के करीब होने का दावा कर रहा है। हलांकि टिकट घोषित होने के बाद ही पता चलेगा कि कौन कितने पानी है। कहां तक पकड़ रखता है। आम जनमानस के बीच से एक बात छनकर सुनने मिल रही है कि प्रत्याशी ऐसा हो जिसके मन में आम जनमानस के दुख दर्द को दूर करने की चाहत हो और सभी के संकट में खड़ा रहने वाला हो। सांसद बन कर अपनी जेब भरने वाला अथवा जनमानस के बीच न रहने वाला नहो तो इसका लाभ भाजपा को मिल सकेगा।

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