क्या है हिट एंड रन केस का नया कानून जिसे लेकर ट्रांसपोर्टर ट्रक बस के चालक हो गए हड़ताल पर,माल का संकट यात्री परेशान है


जौनपुर। केंद्र सरकार के हिट एंड रन केस के नए कानून के विरोध में ट्रांसपोर्टर व निजी बस संचालक अब भारी प्रदर्शन पर उतर आए हैं। देशभर में इसको लेकर विरोध देखने को मिल रहा है।आखिर क्या है हिट एंड रन का नया कानून ? पूरे देश में हिट एंड रन कानून का विरोध हो रहा है। कई संगठन इस कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। यूपी के कई जिलों में मंगलवार को भी चक्का जाम रहा और बसों-ट्रकों सहित अन्य वाहन चालको की हड़ताल देखने को मिली। प्राइवेट बसों ट्रकों से लेकर सरकारी महकमें की बसें भी इस आन्दोलन में शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने हिट एंड रन केस के लिए नया कानून बनाया है। इसके तहत अगर वाहन चालक की गलती से दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और वाहन चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसको 10 साल की कैद व सात लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। इससे बस, ट्रक, पिकअप व टेंपो चालक सभी प्रभावित होंगे। इसी का विरोध उत्तर प्रदेश सहित लगभग पूरे देश में हो रहा है। मंगलवार को निजी बस संचालकों ने भी इसके विरोध में अपनी बसों को बंद कर दिया।
सोमवार की सुबह बस स्टेशन से रोडवेज की बसें बाहर नहीं निकलीं। अनुबंधित बस चालकों ने स्टेयरिंग थामने से इन्कार कर दिया। वहीं, परिक्षेत्र की अन्य डिपो को जाने वाली बसें भी खड़ी हो गईं। सुबह के समय रोडवेज अधिकारियों से चालकों के बीच नोकझोंक भी हुई। दोपहर एक बजे तक चालकों और परिचालकों का मान मन्नौवल चला। इसके बाद भी बसें डिपो से नहीं निकली।
सुबह के समय ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की 50 से अधिक बसें भी सभी जिलो में जहां-तहां खड़ी कर दी गईं थी। नव वर्ष के पहले दिन बसों की कमी होने के चलते लगभग 30 से 40 हजार यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने बैठक कर हड़ताल की चेतावनी दी है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सड़क दुर्घटना में वाहन चालकों पर भारी जुर्माना और दस वर्ष की सजा का प्रावधान किया है। वाहन चालक इसके विरोध में उतर आए हैं। चालकों और परिचालकों ने ई-बसें खड़ी कर दीं। चालक और परिचालक रामसूरत यादव, धनंजय बिंद, सर्वेश मिश्रा, दिनेश सिंह ने बताया कि इस कानून का विरोध किया जाएगा। वाराणसी परिक्षेत्र के ग्रामीण डिपो की अनुबंधित बस चालकों ने बस चलाने से इन्कार कर दिया। कहा कि नौकरी से भले निकाल दिया जाए लेकिन बस नहीं चलाएंगे। आरोप है कि एक अधिकारी ने किसी चालक के साथ अभद्रता भी की। इसे नाराज चालकों ने किसी भी बस को बाहर नहीं निकलने दिया।पूरे परिक्षेत्र में सुबह से दोपहर तक लगभग 250 से अधिक बसें प्रभावित हुईं। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों ने चालकों और परिचालकों को समझाया।लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा है। हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को भी सड़क किनारे ट्रक और टैंकरों को खड़ा कर चालकों ने विरोध जताया।

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