जौनपुर में बिजली विभाग के JE और फीडर मैनेजर निलंबित; हाइटेंशन तार की चपेट में आने से हुई थी मां-बेटे की मौत
घटना को लेकर विद्युत विभाग के चेयरमैन आशीष गोयल ने अधिकारियों को जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
जौनपुर: टूटकर गिरे हाइटेंशन तार की चपेट में आने से मां-बेटे की मौत मामले में बिजलीकर्मियों पर कार्रवाई हुई है. शासन के निर्देश पर अवर अभियंता और फीडर मैनेजर को निलंबित कर दिया गया है. एसएसओ और लाइनमैन को बर्खास्त करने की संस्तुति की गई है. इतना ही नहीं एसडीओ पर भी दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं. इन कार्रवाइयों से बिजली विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक, जौनपुर जिले के धर्मापुर विकास खंड में जफराबाद थाना क्षेत्र के कबीरउद्दीनपुर फीडर के अंतर्गत आने वाले ग्राम उतारागांवा में शनिवार को मां-बेटे की मौत हो गई थी. गांव निवासी राम अजोर वनवासी की पत्नी बासमती देवी (60) अपने बेटे लोधी वनवासी (35) के साथ पड़ोस के गांव में पंकज राय के खेत में धान की रोपाई कर रही थीं.
खेत की सुरक्षा के लिए चारों ओर लोहे की तार से घेराबंदी की गई है. इसी दौरान खेत से करीब 100 मीटर दूर हाइटेंशन तार टूट गया और लोहे की तार पर गिर गया. इससे करंट पूरे घेरे में दौड़ गया. धान की रोपाई कर रही बासमती देवी और लोधी वनवासी करंट की चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शवों को पुलिस को सौंपने से इंकार कर दिया. बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के मौके पर आने व मुआवजे की मांग पर अड़ गए. करीब चार घंटे बाद एसडीएम सदर संतवीर सिंह और सीओ सिटी देवेश कुमार मौके पर पहुंचे. परिजनों को उचित मुआवजे और कार्रवाई का आश्वासन देकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.
चेयरमैन ने दिए सख्त आदेश: घटना को लेकर विद्युत विभाग के चेयरमैन आशीष गोयल ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग की. उन्होंने अधिकारियों को जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके बाद अधीक्षण अभियंता सर्किल प्रथम रमेश चंद्रा ने अवर अभियंता धर्मेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया. एसडीओ धीरेंद्र कुमार सिंह पर दंडात्मक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा. वहीं अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड चतुर्थ वीरेंद्र सिंह ने फीडर मैनेजर उमाकांत यादव को निलंबित किया. निविदा लाइनमैन जयप्रकाश और एसएसओ अखिलेश यादव को बर्खास्त करने की संस्तुति की गई.
ग्रामीणों का कहना है, कि यह दुर्घटना बिजली विभाग की घोर लापरवाही का परिणाम है. यदि समय रहते मेंटेनेंस होता या तार की स्थिति की निगरानी की जाती, तो दो-दो जिंदगियां न जातीं. लोगों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने, दोषियों पर सख्त कार्रवाई और क्षेत्र में विद्युत लाइन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.
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