जौनपुर में 42 करोड़ का कफ सिरप कांड

कागजों पर  करोड़ों की फर्जी बिक्री, नशे के कारोबार का बड़ा भंडाफोड़


जौनपुर । जौनपुर के दवा बाजार में ऐसी सनसनी फैल गई है, जैसी पहले कभी नहीं देखी गई। स्थानीय दवा व्यापारियों ने गज़ब का कारनामा करते हुए कागज़ों पर ही 42 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत की कोडीनयुक्त कफ सिरप की बिक्री दिखा दी। कागजों में तैयार यह फर्जी कारोबार जब उजागर हुआ तो जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर पुलिस महकमे तक में हड़कंप मच गया।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जांच टीम ने खुलासा किया कि जनपद की 12 मेडिकल फर्मों ने मिलकर अवैध तरीके से 1,89,000 बोतल कोडीनयुक्त सिरप का लेन-देन किया। ये वही सिरप हैं जिनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नशा करने वाले गिरोह करते हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरा खेल कागज़ों पर बिक्री दिखाकर, बिना किसी चिकित्सकीय जरूरत और वैध बिलिंग के किया गया।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक इन फर्मों ने झारखंड की एक फर्म मेसर्स शैली ट्रेडर्स से माल उठाया और जौनपुर के बाजार में धड़ल्ले से खपाया।
एफएसडीए अधिकारियों ने बताया कि इन दवा व्यापारियों ने कानून के हर नियम को दरकिनार करते हुए सिरप को इस तरह बेचा मानो कोई रोजमर्रा का सामान हो। जबकि कोडीनयुक्त दवाओं का व्यापार सख्त निगरानी और डॉक्टर के पर्चे पर ही किया जा सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि यह सिरप नशे की लत से जूझ रहे युवाओं के बीच तेजी से चल रहा था। इस बड़े नेटवर्क के पकड़े जाने के बाद पुलिस और प्रशासन ने इसे नशे के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करार दिया है।
12 फर्मों के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर दी गई है और लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

इस खुलासे के बाद दवा मंडी से लेकर शहर भर में चर्चा का विषय यही है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर अवैध सिरप कैसे खपा दिया गया और निरीक्षण तंत्र को भनक तक क्यों नहीं लगी?
प्रशासन का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जाएगी और यदि कोई बड़ा रैकेट सामने आता है तो और भी नाम उजागर होंगे।

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