*पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन के आश्वासन ने तोड़ा सब्र का बांध, अब होगा शिक्षकों का अनिश्चित कालीन धरना।*
*जौनपुर।* विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अबतक दिए जा रहे झूठे आश्वासन और बहकावे से छुब्ध होकर लम्बे समय से उम्मीद राह देख रहे स्ववित्तपोषित शिक्षकों का सब्र आखिरकार जबाब दे दिया, अब आर या पार की लड़ाई लड़ने के लिए हो गए हैं मजबूर।
जानकारी के अनुसार वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ, जौनपुर ने ठोंकी ताल कहा- अब और इंतजार नहीं, 18 दिसंबर से प्रशासनिक भवन में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन” स्ववित्तपोषित शिक्षकों ने भर दी हुंकार, राजभवन तक पहुँचा ज्ञापन।
संघ के इकाई अध्यक्ष डॉ सुशील कुमार मिश्र (शिक्षक मडियांहू पीजी कालेज) ने इस आसय की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित शिक्षक पिछले कई वर्षों से शोध-निर्देशन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् और उत्तर प्रदेश शासनादेश के तहत हम पहले से मान्य शोध-निर्देशक हैं। फिर भी वर्तमान सत्र में हमारी अद्यतन सूची और रिक्तियाँ जानबूझकर वेबसाइट पर नहीं डाली जा रही हैं।
26 नवंबर को कुलसचिव महोदय ने आश्वासन दिया था, 10 दिसंबर को कुलपति महोदया से घंटों वार्ता हुई, दोनों बार केवल टालमटोल मिली। अब हमारा धैर्य जवाब दे चुका है।आज हमने माननीय राज्यपाल महोदय (कुलाधिपति), कुलपति महोदया एवं कुलसचिव महोदय को लिखित ज्ञापन भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि 18 दिसंबर 2025 से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा।
छात्रों की परीक्षाएँ चल रही हैं, इसलिए हम ड्यूटी भी करते रहेंगे, लेकिन अनशन एक पल के लिए भी नहीं रुकेगा।संघ के इकाई अध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार मिश्र ने कहा कि -
“यह हमारे वैधानिक अधिकार की लड़ाई है और सैकड़ों शोध छात्रों के भविष्य की लड़ाई है। हमने सारी औपचारिकताएँ पूरी कर दी हैं।
अब पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं। 18 दिसंबर से प्रशासनिक भवन हमारा अस्थायी पता होगा, जब तक सूची जारी नहीं हो जाती, हम वहीं डटे रहेंगे। सारा दारोमदार विश्वविद्यालय प्रशासन परू होगा।”संघ ने सभी स्ववित्तपोषित शिक्षक साथियों से 18 दिसंबर को पूरे जोश और एकजुटता के साथ उपस्थित होने की अपील की है।
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