जौनपुर का भदेठी कान्ड: दलित सियासत का बना मोहरा, सरकार दलितो के साथ, थाने दार पर गिरी गाज


                       घटना स्थल

जौनपुर।  जनपद के थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थित ग्राम भदेठी कान्ड को अब सरकार से लेकर विपक्षी दलों तक सियासी मुलम्मा चढ़ा दिया गया है। सरकार इस घटना के बहाने प्रदेश में दलित राजनीति की गोंटी सेकने में जुट गयी है।  तो सपा और कांग्रेस एक वर्ग विशेष के उत्पीड़न की बात शुरू कर दिया है। राजनीति के इस खेल में बसपा का चुप रहना एक अलग संकेत दे रहा है। इस सियासत का किसे कितना लाभ मिलेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन  सत्ता के दबाव में थाना प्रभारी निर्दोष इंस्पेक्टर को सजा के रूप लाईन हाजिर का दन्ड मिल गया है। 
यहाँ बतादे कि विगत  9 जून 20 को सायं काल  5 बजे के आसपास मुस्लिम एवं दलित परिवार के बच्चों में आम तोड़ने को लेकर विवाद हुआ।  दोनों एक दूसरे से मार पीट किये यह विवाद बड़ो तक पहुंच गया इसके बाद रात्रि में लगभग 8 बजे के आसपास मुस्लिमों की ओर से दलित बस्ती पर हमला कर दिया गया और आध दर्जन से अधिक रिहायसी मड़हे घर आदि आग के हवाले कर दिया गया।  इस आगजनी की घटना में बकरियां भैंस आदि जानवर जिन्दा जल कर काल के गाल में समा गये। 
           घटना स्थल पर पहुंचे अधिकारी 
घटना के बाद थाने की पुलिस सहित जिले के आला अधिकारी मय डीएम एसपी के घटना स्थल पर पहुंचे और पुलिस ने तहरीर के आधार पर 57 नामजद सहित लगभग 100 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर  तत्काल 38 मुस्लिमो को गिरफ्तार कर उन्हें जेल रवाना कर दिया । शेष को गिरफ्तार करने के लिए दविशे देने लगी थी। पुलिस के कड़े रुख के कारण मुस्लिम बस्ती में सन्नाटा छा गया लोग घर छोड़ कर पलायन कर गये ।
प्रशासन अपनी ओर से दलितो को आर्थिक सहायता एवं खाद्यान आदि देते हुए इलाके में शांति व्यवस्था कायम रखने में जुटा था। घटना के दूसरे दिन कमिश्नर एवं आईजी वाराणसी भी घटना स्थल का निरीक्षण किये। इसके बाद घटना के बिषय में क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव ने मुख्यमंत्री से मिल कर घटना की जानकारी दिया। जिसको गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने इसके बहाने दलित राजनीति को हवा देना उचित मानते हुए। तत्काल पीड़ित दलितों को लगभग 10 लाख  26 हजार 450 रुपये आर्थिक सहायता का एलान कर दिया जिससे प्रति दलित लगभग एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिल सकती है। 
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने दोषियों (यानी  मुस्लिमों ) पर रासुका एवं एन एस ए की कार्यवाही करने का हुक्म जारी कर दिया और यह भी कहा कि इस घटना में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये।  सीएम के इस आदेश के तहत थाने दार पर तत्काल गाज गिर गयी। 
इस घटना में पुलिस ने सपा नेता जावेद अहमद सिद्दीकी  को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।  हलांकि जावेद के पक्ष में दलित बस्ती के कुन्दन, वीरू रवीन्द्र, फूलचन्द बबलू एवं राजाराम ने हलफ़नामा के साथ पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया कि इस घटना से जावेद अथवा उनके परिवार से कोई लेना देना नहीं फिर भी जावेद सलाखों के पीछे है। 
                 जिलाध्यक्ष सपा 
 समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष  लालबहादुर यादव ने  जावेद के खिलाफ की गयी कार्यवाही को सत्ता का दुरुपयोग बताया और कहा कि जावेद सपा की राजनीति करते है इसी लिए सरकार ने उन्हें जेल भेजा है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में न्याय नहीं मिलता है तो पार्टी चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस जान बूझ कर निर्दोष लोगों को फंसा रही है। इस घटना पर सरकार सियासत बन्द करे। 
                जिलाध्यक्ष कांग्रेस
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज ने पहले तो घटना को दुखद करार दिया फिर कहा कि पुलिस को पहले गहराई से छान बीन करनी चाहिए थी इसके बाद दोषी के खिलाफ कार्यवाही करते लेकिन  प्रदेश की सरकार इस घटना के जरिए सियासत करने पर उतर गयी है।  दलितों को राहत तो ठीक है लेकिन अल्पसंख्यको का अनावश्यक उत्पीड़न किसी भी नजरिए से उचित नहीं है। इस घटना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सक्रियता इस बात का संकेत करती है कि भाजपा ऐसी घटनाओं के बहाने दलित वोट को पटाने की राजनीति कर रही है। 
इस घटना के संदर्भ में जौनपुर सांसद श्याम सिंह यादव जो बसपा के बैनर तले चुनाव लड़ कर जीते हैं  दलितों के मामले को लेकर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दिये हैं। बसपा के एक जिम्मेदार कार्यकर्ता  ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर जानकारी दिया कि 2022 के चुनाव में बसपा कुछ नया गेम करने की जुगत में है इसलिए ऐसी घटनाओं को लेकर सरकार पर सवाल करने से परहेज किया जा रहा है। 
इस तरह भदेठी कान्ड को लेकर जो स्थितियों नजर आ रही है वह इतना तो संकेत करती है इसे सियासी रूप देकर दलित समाज को एक संदेश देने का प्रयास है कि हम ही असली शुभचिन्तक है।  इसका चुनाव पर कितना असर होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है। लेकिन राजनैतिक दल घटना को अपने अपने तरीके से भजाने की फिराक में लगे हुए हैं। 

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