जौनपुर का भदेठी कान्ड : बना राजनीति का अखाड़ा तो प्रशासन की शख्ती से हिले अल्पसंख्यक अभियुक्त


        भदेठी गांव जहां पसरा है सन्नाटा 


 जौनपुर।  जनपद के थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थित ग्राम भदेठी में दलित बनाम अल्पसंख्यक का विवाद जहां राजनीति का अखाड़ा बन गया है वहीं जिला प्रशासन सरकार के सह पर अल्पसंख्यको के खिलाफ एक तरफा कार्यवाही करते हुए कानून का शिकंजा इतना कस दिया है कि पूरा अल्पसंख्यक भयाग्रस्त हो गया है । सरकार एवं विपक्षी दलों के बीच चल रही इस राजनीति में दलित किसके साथ जायेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन इस घटना में हिन्दू मुसलमान के साथ दलित वोट में संदेश पहुंचाने के लिए सह मात का खेल खूब चल रहा है और प्रदेश में इसे खासा चर्चा का बिषय बना दिया गया है। 
बतादे भदेठी गांव में दलित एवं अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के आपसी विवाद को लेकर उपजी घटना तब विकराल स्वरूप ले लिया जब रात्रि में दलितों की बस्ती में आग लगी और आग की लपटों में आठ से दस रिहायसी मड़हे घर आदि सहित जानवर जल कर खाक हो गये। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचा प्रशासन एवं पुलिस विभाग विधिक कार्यवाही किया। गिरफ्तारी भी हुईं लेकिन इसमें राजनैतिक मोड़ तब आ गया जब प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी ने अभियुक्तों के खिलाफ शख्त कार्यवाही का निर्देश दिया और फिर प्रशासन शख्त हो गया। 
इसमें पुलिस ने अपने एक तरफा कार्यवाही में अल्पसंख्यक अभियुक्तों के खिलाफ जितनी धारायें थी सब झोंक दिया।  मु.अ.सं. 154/20 पर धारा 147, 148, 149, 323, 504, 505, 506, 34, 307, 427, 452, 436, 188, 269, 7 सी एल  एक्ट  ,व 3 (2), 5एस सी/एच टी  एक्ट, 3 लोक सम्पत्ति  एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। इसमें एक सपा नेता सहित  37 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद  16 जून  20 को मु.अ.सं. 156 /20 पर सभी अभियुक्तों के खिलाफ 3 (1) यूपी गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कर जेल में तामिला करा दिया है।   
यहाँ पर भाजपा ने प्रदेश में दलित राजनीति का कार्ड खेलते हुए सत्ता का खुला प्रयोग किया।  भाजपा के सभी संगठन घटना स्थल पर पहुंच कर दलितो के मदत का अभियान चला दिया तो सरकार के मुखिया के निर्देश पर जौनपुर शहर के विधायक एवं प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव ने दलित बस्ती में पहुंच कर दलितों को आर्थिक सहायता राशि के साथ मुख्यमंत्री आवास योजना से आवास दे कर जिला ही नहीं प्रदेश स्तर पर खूब सुर्खियां बटोरा। और प्रदेश भर में संदेश पहुंचा दिया कि दलितों की हितैषी भाजपा ही है। 
भाजपा के इस खेल को देख विपक्ष क्यों पीछे रहे। सपा के नेता गण भी भदेठी कूच कर दिये और अल्पसंख्यक की ओर रूझान दिखाये और बयान भी जारी किया कि निरपराध को न फंसाया जाये साथ ही दलित वोट की चिन्ता ने खुल कर कुछ करने से रोक दिया। हां मांग पत्र आदि देकर अपनी इतिश्री कर ली है। 
इसके बाद कांग्रेस भी जगी और अपने अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित एम एल सी आदि आधा दर्जन कांग्रेस जनों को भदेठी भेजा कांग्रेस के नेता भी दलित वोट के लालच में बहुत खुल कर अल्पसंख्यको के पक्ष में नहीं दिखे हां इतना जरूर था कि दोनों के साथ बात चीत करने के पश्चात घटना को दुःखद करार दे दिया और बयान जारी किया कि जौनपुर की संस्कृति एक दूसरे के सहयोग की रही है। इन्हें तो दोनों वोटों की दरकार दिखी। 
रही बसपा की बात तो बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती ने ट्यूटर पर ट्यूट कर मुख्यमंत्री के कदम की सराहना करते हुए कहा कि देर आये दुरुस्त आये। इसके बाद बसपा का ट्रेन्ड समझ कर पार्टी के नेता चुप्पी साध लिए। हां सांसद जौनपुर श्याम सिंह यादव बस्ती में पहुंच कर मातम पुर्सी कर आये हैं। 
इस तरह  इस मामले में अब तक की कार्यवाहियों और पक्ष विपक्ष की भूमिका यह साफ संकेत करती है कि यह घटना जहां राजनीति का अखाड़ा बन गया है वहीं जिला प्रशासन सरकार के इशारे पर अल्पसंख्यक अभियुक्तों पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसमें अभी तक भाजपा बीस नजर आ रही है। 

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