शहीद का शव गांव पहुंचते मचा कोहराम, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राम घाट पर शव पंचतत्व में विलीन 6माह के बेटे ने दी श्रद्धांजलि



सपा जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव ने सरकार से मांग किया है कि जब कानपुर में शहीद होने वाले पुलिस जनों को सरकार एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दे सकती है तो सीमा पर शहीद होने वाले सैनिक को भी एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देनी चाहिए। 
जौनपुर। श्रीनगर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए वीर सपूत  जिलाजीत यादव का शव उनके निजी गांव बहादुरपुर इजरी आज सुबह पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। बीते गुरूवार से जनपद की आवाम को अपने वीर सपूत के शव आने का इन्तजार था। आखिरकार शुक्रवार की सुबह ही जनपद वासियों का इन्तजार खत्म हो गया। और शहीद शिलाजीत यादव का पार्थिव शरीर घर पहुंच गया। समूचे इलाके में हर तरफ "शहीद जिलाजीत यादव अमर रहें," के नारे गूंजते रहे। तो परिजनों  करुण क्रन्दन से पूरा  माहौल गमगीन हो गया था । उपस्थित सभी लोगो की आँखे नम हो गयी। 
पुुलवामा में शहीद हुुुयेे सैैैनिक का शव घर पहुँचते ही कोहराम मच गया । पत्नी पूूनम दहाड़े मारकर रोनेे लगी करुणा क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया , सबसे असहनीय सीन उस समय दिखाई पड़ा जब उसका दूध मुंहा 6 माह का बेटा अपने मामा के गोद मे पिता का अंतिम दर्शन करने और श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए शव के पास पहुंचा था। यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद सभी की आंखों से आंसुओ की धारा बहनें लगीं। 
शहीद का शव गुरूवार को ही जौनपुर पहुंचने की सूचना थी लेकिन श्रीनगर में खराब मौसम के कारण अपराह्न तक विशेष विमान शहीद का पार्थिव शरीर लेकर वहां से उड़ान ही नहीं भर सका था। अंधेरा होता देख परिजनों और उपस्थित लोगों की सहमति पर शुक्रवार को अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया गया था ।  शव लेकर सेना का विमान देर रात में ही वाराणसी पहुंच गया था। वहां से सुबह सात बजे सेना के जवानों ने अपने शहीद साथी  सैनिक का पार्थिव शरीर लेकर जौनपुर स्थित इजरी गांव  पहुंच गये। 
जलालपुर क्षेत्र के इजरी गांव निवासी जिलाजीत यादव की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही उनके गांव में प्रशासनिक हलचल तेज हो गई थी। एसडीएम ने बुधवार को गांव पहुंचकर शहीद के घर तक मार्ग बनवाने का निर्देश दिया था। गुरुवार को पार्थिव शरीर गांव पहुंचने की संभावना थी। इसके मद्देनजर सुबह से ही लोगों का हुजूम इजरी पहुंचने लगा था। जलालपुर बाजार से शहीद के घर तक जगह-जगह बैनर-होर्डिंग लगा दिए गए थे। शहीद के अंतिम दर्शन की आस लिए लोग पूरे दिन गांव व आसपास जुटे रहे। प्रशासनिक अफसरों व राजनेताओं का भी गांव में जमावड़ा लगा रहा। 
सुबह डीएम दिनेश कुमार सिंह व एसपी अशोक कुमार ने गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार का हाल जाना। प्रदेश सरकार की ओर से दी जा रही 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और एक सदस्य को नौकरी के बारे में सरकार का आदेश पत्र दिया गया।  शहीद की स्मृति में पार्क बनवाने व प्रतिमा लगवाने के लिए राजस्व कर्मचारियों को गांव में जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया। बताया कि परिवार की मंशानुसार एक सड़क का नामकरण भी शहीद जिलाजीत के नाम पर किया जाएगा। दोनों अफसर घंटों तक गांव में मौजूद रहे। प्रशासनिक हलचल के साथ ही पार्थिव शरीर शीघ्र पहुंचने की चर्चाएं भी शुरू हो गईं। फूल-माला लेकर लोग वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने की तैयारी हो रही थी, मगर अपराह्न तीन बजे तक शहीद को लेकर आने वाले विमान के श्रीनगर से ही न उड़ने की खबर के बाद लोग मायूस हो गए।
सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जिले के प्रभारी मंत्री उपेन्द्र तिवारी सहित जौनपुर के विधायक एवं प्रदेश सरकार के आवास विकास राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव सहित तमाम भाजपा के लोग एवं जनप्रतिनिधि गण शहीद के घर पहुंच कर शोक संवेदना व्यक्त किया और सरकार द्वारा दिये गये धनराशि का प्रमाण पत्र परिवार के लोगों को दिया । आज सुबह शहीद का पार्थिव शरीर आने पर मंत्री द्वय इजरी गांव पहुंच कर शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।साथ ही राम घाट पर भी पहुंच कर शहीद के सम्मान में गार्ड आफ आनर में भाग लेते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया।  इसके अलावां समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव, पूर्व मंत्री जगदीश नरायन राय, महामंत्री हिसामुद्दीन, पूर्व सांसद तुफानी सरोज, पूर्व विधायक गुलाब चन्द सरोज पूर्व प्रदेश सचिव राजन यादव सहित बसपा नेता जय प्रकाश सिंह सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता ने शहीद को नम आंखों से श्रद्धा सुमन अर्पित किया और अन्तिम विदाई दी। इस अवसर पर सपा जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव ने कहा कि सरकार शहीदों के सम्मान में भी भेदभाव क्यों कर रही है । अभी चन्द समय पहले कानपुर में बदमाश द्वारा पुलिस जनों को गोली मार कर हत्या किये जाने की घटना में शहीद पुलिस वालों के परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दिया गया और सीमा पर आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हुए वीर सैनिक को मात्र 50लाख रूपये की सहायता राशि क्यों? जिलाध्यक्ष  ने मौजूद मंत्री द्वय के माध्यम से प्रदेश की सरकार से मांग किया कि सीमा पर शहीद हुए सैनिक को भी एक करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदानकिया जाये। 
शहीद जिलाजीत यादव के घर इजरी से सैनिकों की देख रेख में उनकी शव यात्रा पूरे राजकीय सम्मान के साथ निकाली गई और जगह जगह रूकते हुए शव यात्रा राम घाट पहुंची वहीं पर उनकी अन्तेष्ठि किया गया है। मुखाग्नि शहीद के चाचा राम अकबाल यादव ने दिया। पूरे रास्ते भर युवाओं की टोली लगातार शहीद के सम्मान में नारे लगा रहे थे ।"जिलाजीत यादव अमर रहें", "जब तक सूरज चाँद रहेगा जिलाजीत यादव  तेरा नाम रहेगा ", ।





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