अधिकारी बताये विकास भवन में संचालित सिन्डीकेट के भ्रष्ट कृत्यों की जांच कब शुरू होगी ?




जौनपुर।  विकास भवन में संचालित सिन्डीकेट को सच खबरें द्वारा प्रकाशित खबर ने अब  अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है खबर की  वजह से जिला मुख्यालय से लेकर विकासखंड तक हड़कंप मचा हुआ है। बदनाम सफाई कर्मियों के पटल सहायक द्वारा अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालने के लिए सिंडिकेट के प्रभाव से विभिन्न विकास खंडों के वसूली सरदारों के माध्यम से एसीपी के नाम पर वसूली गई अवैध धनराशि सफाई कर्मचारियों को अपनी जुबान बन्द रखने की शर्त पर अब सफाई कर्मियों के घर घर पहुंच कर वापस करायी जाने की खबर  है। 
ज्ञातव्य है कि सफाई कर्मचारियों से ट्रांसफर एवं एसीपी के नाम पर लाखों रुपए वसूलने वाले विकास भवन के सिंडिकेट का पर्दाफाश होते ही जिलाधिकारी जौनपुर द्वारा मुख्य विकास अधिकारी, एडीएम वित्त एवं राजस्व तथा  जिला कोषाधिकारी की हाई पावर जांच कमेटी बना दी गई,  साथ ही उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल द्वारा जिला पंचायत राज अधिकारी जौनपुर को दो दिवसों में पूरे प्रकरण पर अपनी आख्या देने हेतु सख्त निर्देश दिया गया । जनपद में अवैध वसूली की शिकायत शासन स्तर पर भी सूचित किया गया है जिस पर जांच प्रक्रिया चल रही है। 
 विकास भवन के बदनाम सिंडिकेट द्वारा विभिन्न विकास खंडों में अवैध वसूली हेतु अपने सरदार नामित किए थे जिन्होंने प्रति सफाई कर्मचारी वसूली की है जो इस प्रकार है रामनगर से रतन यादव/हीरालाल भारती प्रति सफाई कर्मचारी 2200/-, मड़ियाहूं से प्रीतम यादव/विनोद गौतम 2000/-, मुंगरा बादशाहपुर से जगदीश प्रसाद 2200 रुपए, सुजानगंज से बाबुल नाथ तिवारी/जयराम चौरसिया ₹2000, धर्मापुर से विनोद यादव 1700 रुपए, बक्सा से केसरी प्रसाद 1500 रुपए, मुफ्तीगंज से चंद्रप्रकाश सिंह/मनीष यादव 1700 रुपए, मछली शहर से दिवाकर गौतम पंद्रह सौ रुपए, बदलापुर से लालमणि पाल/राजपति गौतम 2000 रुपए, खुटहन से मनोज यादव/ अरविंद यादव ₹2000, महराजगंज से दान बहादुर ₹2500, बरसठी मुन्नालाल/ उमाशंकर 2000, सिरकोनी प्रमोद अग्रहरी/सोभनाथ मौर्या पंद्रह सौ रुपए एवं केराकत अजय सिंह/प्रेमलाल ने प्रति सफाई कर्मचारी 1700 रुपया वसूल कर जिला सिंडिकेट को पहुंचाया है। अब शासन प्रशासन से दबाव बनने के बाद एवं जांच प्रक्रिया शुरू न होने से बदनाम बाबू एवं उसके गुर्गे लीपापोती में जुट गए हैं।
 निदेशक पंचायती राज द्वारा 24 जुलाई को सफाई कर्मचारियों की एसीपी लगाने हेतु समस्त जिला पंचायत राज अधिकारियों को अनुस्मारक पत्र भेजा है ऐसे में जनपद जौनपुर के 3400 सफाई कर्मचारियों की जुलाई 2019 में लगने वाली एसीपी एक साल बीतने के बाद भी भ्रष्ट सिंडिकेट एवं विभागीय अधिकारियों की आकंठ भ्रष्टाचार पोषक नीति, स्वेच्छाचारिता एवं निरंकुशता की भेंट चढ़कर रह गई है जो विभागीय जांच का विषय है। सफाई कर्मचारियों के संदर्भ में  अगर  जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय  की विधिवत जांच हो जाए तो विभागीय जांच में प्रतिवर्ष अनायास किए जा रहे अकारण हजारों ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग सहित समस्त कार्यों हेतु विभागीय रेट लिस्ट तय होने की परतें भी खुलेगी, जो पारदर्शी भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था के बिल्कुल उलट होगी। इतना ही नहीं जिले में 1045 सफाई कर्मियों का स्थानान्तरण जो निवर्तमान मुख्य विकास अधिकारी के हस्ताक्षर से गलत तरीके से कराया गया है यदि इसी की जांच हो जाये तो लाखों रूपये की लूट का खुलासा हो सकता है। अब यहाँ पर एक बड़ा सवाल यह है कि आखिर जांच में अधिकारी विलम्ब क्यों कर रहे हैं। किसे बचाना चाहते है। 

कपिल देव मौर्य/ राम श्रिंगार शुक्ला उर्फ गदेला 

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