आइए जानते है किस आरोप में धनंजय सिंह को कोर्ट ने नहीं दी राहत,क्यों निरस्त हुई अर्जी


जौनपुर । नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण कर रंगदारी मांगने के मामले में आरोपित बाहुबली धनंजय सिंह को अदालत से झटका लगा है। उनके प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया है।
धनंजय और उनके सहयोगी संतोष विक्रम ने इस मामले में उन्मोचन (नाम हटाने) का प्रार्थना पत्र अपर सत्र न्यायाधीश षष्टम शरद त्रिपाठी की कोर्ट ने दिया था। जिसे अदालत ने निरस्त कर दिया है। धनंजय समेत अन्य पर आरोप तय करने के लिए कोर्ट ने 2 अप्रैल की तारीख तय की है। शाषकीय अधिवक्ता अरुण पांडेय व सतीश रघुवंशी ने धनंजय के प्रार्थना पत्र का विरोध किया। 
मुजफ्फरनगर निवासी प्रोजेक्ट मैनेजर ने 10 मई 2020 को लाइनबाजार थाने में धनंजय सिंह व उनके साथी पर एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ उनका अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए। वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए। गालियां देते हुए सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया। 
इंकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी। मामले में पूर्व सांसद की  गिरफ्तारी हुई थी। पिछली तिथि पर आरोपितों ने प्रार्थना पत्र दिया कि वादी पर दबाव डालकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने विवेचना कर क्लीन चिट भी दिया है। बाद में क्षेत्राधिकारी ने पुन: विवेचना का आदेश पारित किया। 
उच्च अधिकारियों के दबाव में बिना किसी पक्ष के आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। वादी ने पुलिस को दिए गए बयान और धारा 164 के बयान में घटना का समर्थन नहीं किया। आरोपितों ने साक्ष्य के अभाव में खुद को मामले से हटाने की कोर्ट से मांग की थी।
शासकीय अधिवक्ता ने आपत्ति दाखिल की कि वादी की लिखित तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई। सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हाट्सएप मैसेज, गवाहों के बयान व अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपितों के खिलाफ अपहरण रंगदारी व अन्य धाराओं का अपराध बखूबी साबित है।
आरोपितों ने कई बार वादी को फोन किया। अज्ञात लोगों द्वारा दबाव डलवा कर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपितों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।

Comments

Popular posts from this blog

जौनपुर में करोड़ों की नकली दवाओं का खेल बेनकाबआगरा, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से जुड़ रहे हैं ड्रग माफियाओं के तार

औषधि निरीक्षक ने मारा छापा, लिये 11 सैम्पल तीन दवा विक्रेताओं के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

ड्रोन की दहशत : रात में आसमान पर मंडराती रहस्यमयी रोशनी, हकीकत या अफवाह!