बर्नवाल ज्वेलरी के शोरूम पर चला कानूनी बुलडोजर, शोरूम हुआ जमींदोज, सरकारी जमीन कब्जाने वालों में हड़कंप


जौनपुर। जनपद मुख्यालय सिविल लाइन मार्ग पर स्थित मुहल्ला जोगियापुर और औलन्दगंज के बीच नजूल की जमीन पर जफराबाद के चेयरमैन प्रमोद बर्नवाल की बर्नवाल ज्वेलरी के दुकान पर न्यायालय आदेश के पालनार्थ आज कई घन्टे तक जिला प्रशासन ने चलवाया बुलडोजर और नजूल जमीन पर बने ज्वेलरी प्रतिष्ठान को ध्वस्त कर जमींदोज कर दिया है। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से जनपद में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों की चूलें हिल गयी है। 
मिली खबर के अनुसार चेयरमैन प्रमोद बर्नवाल ने मुख्यालय पर सरकारी नजूल की जमीन पर  मास्टर प्लान के लोंगो को पैसे के बलपर मिला कर एक ज्वेलरी का शोरूम विगत कई वर्ष पहले बनवा लिया था जिसकी शिकायत उसके पट्टीदार ही नगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय में किया था लगभग एक साल पहले नगर मजिस्ट्रेट ने नजूल जमीन खाली करने और शोरूम के ध्वस्ती करण का आदेश दिया था। जिसपर नगर मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ बर्नवाल ज्वेलर्स के मालिक प्रमोद बर्नवाल ने हाईकोर्ट में अपील कर दिया था। हाईकोर्ट से प्रमोद बर्नवाल को राहत नहीं मिला नगर मजिस्ट्रेट का आदेश बहाल रहा और हाईकोर्ट ने शोरूम के ध्वस्ती करण आदेश पर मुहर लगा दिया जिसके पालनार्थ आज नगर मजिस्ट्रेट अनिल अग्निहोत्री और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशू नागपाल के नेतृत्व में बड़ी तादाद में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच ध्वस्तीकरण किया गया। हलांकि बर्नवाल परिवार ने विरोध किया लेकिन प्रशासन ने एक नहीं सुना है। 
इस संदर्भ में नगर मजिस्ट्रेट अनिल अग्निहोत्री ने बताया कि शोरूम नजूल भूमि पर बना था इसे ध्वस्त करने के संदर्भ में नोटिस जारी कर ध्वस्त करने की जानकारी दी गई थी। जिसे गुरुवार को प्रशासन द्वारा ध्वस्त कराने की कार्यवाही की गई। यहां बता दे कि मुख्यालय स्थित कचहरी मार्ग पर बरनवाल ज्वैलर्स का शोरूम है। इस प्रतिष्ठान के मालिक चेयरमैन के परिवार के विजय बरनवाल हैं। दरअसल, ये दुकान नजूल की भूमि पर बना हुआ है। 39/1 गाटा संख्या से इसका उल्लेख खतौनी के कागजात में है। लगभग 45 वर्गमीटर में ये निर्माण हुआ है।
बता दे 2016 में इस जमीन की रजिस्ट्री हुई थी और दिसंबर 2019 में ज्वैलरी शॉप का उद्घाटन हो गया था। उसी समय से इसको लेकर सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में मामला चल रहा था । प्रतिष्ठान के मालिक का कहना है कि नजूल की भूमि के रजिस्टर में इसका उल्लेख नहीं है। जबकि सरकारी अभिलेख में यह नम्बर नजूल भूमि के नाम पर दर्ज है। 

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