जड़ी बूटी दिवस के रूप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिवस



जौनपुर। वैश्विक स्तर पर भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को पुनर्जीवित करके एक महाअभियान के तहत जन जन को सुलभ बनानें वाले आधुनिक युग के धन्वंतरि के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनानें वाले आयुर्वेद शिरोमणि परम श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन को पतंजलि योग परिवार के द्वारा जड़ी बूटी दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसके तहत पतंजलि योग परिवार के हजारों योग प्रशिक्षकों के द्वारा ग्राम स्तर से लेकर जिले स्तर तक हवन यज्ञ को करते हुए औषधीय जड़ी बूटियों का वितरण किया गया। पचहटियां स्थित हरीमूर्ति वाटिका में पतंजलि योग परिवार के पदाधिकारियों के द्वारा औषधीय पौधों को रोपित करके हवन यज्ञ को कराया गया। पतंजलि योग समिति सह राज्य प्रभारी अचल हरीमूर्ति के द्वारा बताया गया है की आयुर्वेद हमारी प्राचीनतम निरामय उच्चतम कोटि की चिकित्सा पद्धति है जिसके द्वारा बिना किसी दुष्प्रभाव के सभी प्रकार के साध्य और असाध्य बिमारियों का समाधान किया जाता है इसलिए हर व्यक्ति को इस विधा से अपनी चिकित्सा लेनी चाहिए। श्री हरीमूर्ति द्वारा बताया गया है।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत घर घर तिरंगा को फहरानें के लिए हजारों योग शिक्षकों के द्वारा ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया है जिसके लिए ग्राम समितियों से लेकर जनपद स्तर की समितियां इस दिशा में काम कर रही हैं। इस मौके पर पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी शम्भुनाथ, शशिभूषण, कुलदीप, डॉ हेमंत, डॉ ध्रुवराज, नन्दलाल, विरेन्द्र योगी सहित जिले के पदाधिकारियों की सहभागिता रही।

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