प्राइवेट अस्पतालो से उपकरण चोरी कर बेचने वाले चार झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार गये जेल एक जौनपुर का भी डॉक्टर शामिल


शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राइवेट अस्पताल से उपकरण चोरी कर झोलाछाप डाक्टरो के जरिए विक्रि करने का खुलासा करते हुए चार लोंगो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जी हां जनपद वाराणसी में महमूरगंज स्थित आशीर्वाद मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल का एक नर्सिंग होम स्टाॅफ आईसीयू सहित अन्य जगह से चिकित्सकीय उपकरण चुराकर बगैर रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक संचालित करने वाले झोलाछोप को बेच देता था। यह खुलासा भेलूपुर थाने की पुलिस ने एक नर्सिंग स्टाॅफ और चार झोलाछाप को पकड़ कर किया है।
आरोपियों की पहचान तक्खू की बावली सेवापुरी के आनंद कुमार, देवरा काशीपुर मातलदेई के डॉ. आशीष कुमार सिंह, सबलपुर बेनीपुर के डॉ. शिव कुमार यादव, सोनभद्र जिले के कर्मा थाना के रानीतारा के डॉ. श्याम नारायण मौर्य और जौनपुर जिले के सरायख्वाजा थाना के देवकली के डॉ. अरुण कुमार यादव के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से 14 सीरिंज पंप व 10 केबल, छह बाई-पैप मशीन व चार केबल व चार पाइप, एक ईसीजी मशीन और एक एबीजी मशीन व केबल बरामद की गई है। बरामद उपकरणों की कीमत लगभग 20 लाख रुपये बताई गई है।
भेलूपुर थाने में बीते 25 मार्च को आशीर्वाद मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रबंधक सुरेंद्र सिंह उर्फ मनीष सिंह ने आईसीयू के नर्सिंग स्टाफ आनंद कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। सुरेंद्र का आरोप है कि हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड से आनंद चिकित्सा उपकरण चुराते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है। डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे ने आनंद को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में आनंद ने बताया कि वह आशीर्वाद मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में वर्ष 2021 से काम कर रहा था। डॉ. अजय, डॉ. श्याम नारायण, डॉ. आशीष और डॉ. अरुण को पहले से जानता था। डॉ. अजय से उसकी मुलाकात सुजीत पटेल ने कराई थी। आनंद ने बताया कि उसे पैसे की जरूरत थी। आशीर्वाद मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल से चिकित्सकीय उपकरण चुरा कर चारों क्लीनिक संचालकों को बेचने लगा। इस काम में उसकी मदद सुजीत पटेल करता था। सुजीत की तलाश में पुलिस की दो टीम लगाई गई हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी।
औने-पौने दाम में बेचता था उपकरण
आनंद ने बताया कि चारों क्लीनिक संचालकों को पता था कि वह उन्हें चोरी के चिकित्सकीय उपकरण बेचता है। इसलिए सभी उससे औने-पौने दाम में ही उपकरण खरीदते थे। वहीं, नाम के साथ डॉक्टर लिखने वाले चार अन्य आरोपियों ने बताया कि उनमें से कोई एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं किया है। सभी जैसे-तैसे क्लीनिक संचालित कर रहे थे और ग्रामीण इलाकों के मरीजों का ही उपचार करते थे। कभी बात बिगड़ जाती थी तो मरीज के परिजनों को पैसा देकर मुंह बंद करा देते थे।
इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे ने बताया कि डॉ. श्याम नारायण मौर्य अखरी बाईपास स्थित शिवा हॉस्पिटल से पकड़ा गया है। डॉ. आशीष कुमार सिंह अमरा स्थित ओम हॉस्पिटल, डॉ. शिव कुमार यादव अवलेशपुर स्थित श्रेष्ठा हॉस्पिटल और डॉ. अरुण कुमार यादव अमरा स्थित मेडिक्स लाइफ केयर हॉस्पिटल से पकड़ा गया है। तथाकथित चारों डॉक्टरों के पास से एमबीबीएस या बीएएमएस जैसी कोई डिग्री नहीं मिली है। चारों हॉस्पिटल भी स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत नहीं हैं। चारों क्लीनिक के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखा गया है। उनसे यह भी अनुरोध किया गया है कि वह तस्दीक करा लें कि जिले में अन्य जगह भी तो इसी तरह से हॉस्पिटल नहीं संचालित हो रहे हैं।

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