दिल्ली के निर्भया कान्ड के खिलाफ पूरा देश आया सड़क पर, जौनपुर के निर्भया कान्ड पर चुप्पी क्यों ?
जौनपुर। जनपद के थाना बदलापुर क्षेत्र स्थित ग्राम कटहरी में नव विवाहिता के साथ दरिन्दगी की घटित घटना ने एक बार फिर दिल्ली के निर्भया कान्ड की याद को ताजा कर दिया है। दिल्ली की निर्भया कान्ड की पीड़ित बेटी अपनी जान गवा बैठी तो जौनपुर के ग्रामीण क्षेत्र में हुए ताज निर्भया कान्ड की पीड़िता बेटी जिला अस्पताल में अभी अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। दिल्ली की घटना को लेकर पूरे देश में समाज सेवी संगठन और तमाम लोग आन्दोलन किये और घटना कि भर्त्सना किये लेकिन जौनपुर के ग्रामीण क्षेत्र में हैवानियत के पराकाष्ठा की घटना को लेकर सायद समाज के जिम्मेदार लोग आंख बन्द कर लिए है। केवल पीड़िता का परिवार अपनी पीड़ा के साथ जूझ रहा है।
यहां बता दे कि दिल्ली और जौनपुर के हैवानियत की घटना में अन्तर केवल यह है कि दिल्ली में निर्भया के साथ रात में चलती बस में घटना को दरिन्दो ने अंजाम दिया था। जौनपुर जनपद के थाना बदलापुर इलाके में घटित निर्भया कान्ड दिन में शौच के लिए अकेले गयी नव विवाहिता निर्भया के साथ घर से महज पांच सौ मीटर दूर सूनसान इलाके में एक दरिन्दा द्वारा घटना को कारित किया गया।
दिल्ली में निर्भया के साथ बेरहमी करते हुए प्राइवेट पार्ट में राड डालने का घृणित अपराध दरिन्दो ने किया था तो जौनपुर के इस नये कान्ड में दरिन्दे ने नव विवाहिता निर्भया के प्राइवेट पार्ट में डन्डा डाल दिया है जिसके कारण उसके शरीर से जबरदस्त रक्त निकले है। पीड़िता वर्तमान में जिला अस्पताल में अपने परिवार के साथ अपना उपचार करा रही है। मिली खबर के अनुसार उसके भी जीवन का खतरा अभी टला नहीं है।
हलांकि घटना की खबर लगते ही बदलापुर की पुलिस तत्काल हरकत में आई और निर्भया कान्ड को अंजाम देने वाले दरिन्दे कुंवर चौहान के खिलाफ पीड़िता के पति की तहरीर पर पुलिस नामजद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किया और गिरफ्तार भी करके विधिक कार्यवाई करते हुए जेल की सलाखों के पीछे कैद कर दिया है ।तहरीर के मुताबिक, गांव निवासी 24 वर्षीय विवाहिता रविवार अपराह्न करीब चार बजे घर से कुछ दूर खेत में शौच के लिए गई थी।
उसी समय कटहरी गांव निवासी कुंवर चौहान ने विवाहिता को सूनसान स्थान खेत में उसे दबोच लिया और दुष्कर्म करने की कोशिश की। नवविवाहिता निर्भया ने विरोध किया तो मारने-पीटने लगा। जब वह शोर मचाने लगी तो मुंह दबा कर जमीन पर पटक दिया। इसके बाद कुंवर चौहान ने उसके प्राइवेट पार्ट में डंडा डाल दिया।
जिससे निर्भया बुरी तरह लहूलुहान होकर गिरी पड़ी थी और दर्द से कराहती चीख-चिल्ला रही थी। आरोपी मौके से फरार हो गया। काफी देर बीत जाने के बाद भी जब वो घर नहीं लौटी तो परिजन उसकी तलाश में जंगल की ओर गए। देखा कि वह वहां लहूलुहान होकर अचेतावस्था में है। किसी तरह चारपाई से उसे घर लाए। आननफनन 108 एंबुलेंस से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बदलापुर ले गये। वहां पर प्राथमिक उपचार करने के बाद गंभीर हालात होने के कारण चिकित्सक ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां पर उसका उपचार तो चल रहा है खबर मिली है कि अभी भी उसके जीवन का खतरा बना हुआ है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस निर्भया कान्ड के विरोध में किसी सामाजिक संगठन अथवा राजनैतिक संगठन अथवा कोई भी समाज सेवी पीड़िता की मदद के लिए आगे नहीं आया और इस घटना की निन्दा तक नहीं किया है। इसके पीछे का जो कारण समझ में आया यह घटना जौनपुर जनपद के एक ग्रामीण क्षेत्र की है और पीड़िता गरीब सामान्य परिवार की है। यहां पर आवाज उठाने वालों को सायद सस्ती लोकप्रियता हासिल होने सम्भावना नहीं नजर आ रही होगी। यहां एक बात और बता दें कि कानून अपना काम भले कर रहा है लेकिन ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जनान्दोलन की जरूरत है।कम से कम महिला समाज सेवी संगठन अथवा राजनैतिको को इस मुद्दे पर गम्भीरता से विचार करने की जरूरत है।
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