बड़ा सवाल? आखिर पूर्वांचल विश्वविद्यालय की उत्तर पुस्तिका जेल के अन्दर पहुंची कैसे



जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जिला जेल में मिली उत्तर पुस्तिका की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गयी है। विश्वविद्यालय की इस कार्रवाई ने जिलाधिकारी और एसपी द्वारा जेल के औचक निरीक्षण के बाद जारी खबर को सवालो के कटघरे में खड़ा करने का भी काम कर रही है। हलांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सम्बन्धित महाविद्यालय को पत्र जारी करते हुए रिपोर्ट मांगी है। बुधवार को विश्वविद्यालय के स्टोर रूम और संबंधित एजेंसी में भी इस खबर से हलचल तेज रही। दिन भर चर्चा होती रही कि आखिर उत्तर पुस्तिका जिला कारागार में कैसे पहुंची।
स्टोर रूम के जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारी कॉपियों को बिना गिने महाविद्यालय को दे देते हैं। इसकी भी चर्चा रही। परीक्षा के बाद कितनी कॉपियां संबंधित महाविद्यालय के पास बची हैं, इसका कोई भी लेखा-जोखा विश्वविद्यालय के पास नहीं होता है। यह भी कयास लगने लगा है कि तमाम ऐसी कॉपियां कई जगहों पर गई होंगी। नियम के अनुसार कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र जिस महाविद्यालय में चल रहा है और जो भी छात्राएं प्रवेश लेती हैं। उनकी शिक्षा व परीक्षा संबंधित कार्य सब एजेंसी करती है। विश्वविद्यालय का नियम है कि कापियों को 6 महीने बाद डिस्पोज आफ कर दिया जाता है। मंगलवार को जिला कारागार में जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा निरीक्षण पर पहुंचे थे, इस दौरान उत्तर पुस्तिका मिली थी।
कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रो वन्दना सिंह के अनुसार पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन ने संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य को पत्र भेजा गया है। जिला कारागार में कॉपी कैसे पहुंची, इसकी जांच कमेटी गठित कर कराई जा रही है, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई तय है।

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