पैग़म्बर मोहम्मद साहब ने दिखाया मानवता का रास्ता
रसूले ख़ुदा हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.) व हज़रत इमाम हसन (अ.स.) की शहादत की याद मे निकला जुलूस
जौनपुर। पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.) व उनके बड़े नवासे हज़रत इमाम हसन (अ.स.) की शहादत की याद मे जुलूस 26 सफर रविवार रात्रि में उठा। स्थान इमामबाड़ा नक़ी फाटक में एक मजलिस हुई। जिसमे सोज़ख्वानी अब्बास काज़मी ने अपने साथियो के साथ किया। मजलिस को सम्बोधित करते हुए धर्मगुरु मौलाना महफूज़ुल हसन ख़ा ने कहा कि हजरत मोहम्मद मुस्तफा साहब ने अपने जीवन में न सिर्फ इस्लाम को फैलाया बल्कि इंसानियत का पैगाम देते हुए गरीब बेसहारा मजलूमों की मदद की। मानवता की सेवा कर उन्होंने समाज को एक करने का प्रयास किया है। जिस तरह से उन्होंने पूरी इंसानियत को जिंदा रखने के लिए काम किया, उसे आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। आज समाज में जो कुरीतियां फैली है उसे दूर करने के लिए उनके बताये हुए रास्ते पर चलने की जरुरत है। मजलिस के बाद शबीहे अलम निकाला गया।
उसके बाद नकी फाटक के सामने हुसैनिया मस्जिद पर एक तक़रीर सै मोहम्मद हसन नसीम ने करते हुए हज़रत मोहम्मद साहब और हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत व उनपर हुए मसाएब पढ़ा तो माहौल ग़मगीन हो गया लोग सिसकियों के साथ रोने लगे। और मस्जिद से शबीहे ताबूत निकाला गया।
ताबूत व अलम के साथ एक जुलूस की शक्ल में अन्जुमन मातम करती नौहा पढ़ती हुई इमाम चौक वक्फ बीकानी बीबी मल्हनी पड़ाव तक गई। जुलूस पुनः नकी फाटक मे आकर समपन्न हुआ। जुलूस मे अन्जुमने जुल्फेकारिया मस्जिदतला, अज़ादारिया बारादुअरिया, असग़रिया पुरानी बाज़ार व कौसरिया रिज़वी खा आदि अंजुमनो ने नौहा मातम किया। अन्त में सै मो मुस्तफा, सै शाहिद हुसैन गुड्डु व सै रज़ि हैदर जावेद ने आये हुए लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुफ्ती दानिश काज़मी, शोएब, नजमुल हसन, अनवारूल हसन, कैफी आब्दी, असद हैदर, कायम, हुसैन हैदर, शारिब, फज़ले अली, साजन खान, अमीरूल हसन, वजीह हुसैन, हैदर काज़मी, जहीर हसन आदि उपस्थित रहे।
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