शहीद डॉ. रामाशीष सिंह को श्रद्धांजलि, जौनपुर में कैंडल मार्च निकाल पुराने पेंशन बहाली की मांग तेज
जिला इकाई जौनपुर द्वारा बी.आर.पी. इंटर कॉलेज परिसर में श्रद्धांजलि सभा जिलाध्यक्ष राज केसर यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसके बाद रोडवेज तिराहे से कलेक्ट्रेट स्थित क्रांति स्तंभ तक कैंडल मार्च निकाला गया और शहीद शिक्षक के प्रति नमन किया गया।
कलेक्ट्रेट परिसर में मुख्यमंत्री को संबोधित सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपते हुए प्रांतीय अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने कहा कि “भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए करोड़ों शिक्षक–कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करना आवश्यक है, जिसके लिए पुरानी पेंशन की बहाली अनिवार्य है।”
उन्होंने शिक्षण व्यवस्था में निजीकरण का विरोध करते हुए विद्यालयों के राजकीयकरण, शिक्षकों की सेवा सुरक्षा से जुड़ी धाराओं 12, 18 व 21 को नए आयोग में वापस जोड़ने, प्रधानाचार्यों व संस्कृत/मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति लिखित परीक्षा से करने तथा कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू करने की मांग उठाई।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. चंद्र सेन ने कहा कि सरकार पेंशन को बोझ बताती है, जबकि सांसद–विधायक स्वयं बहु-पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
जिला उपाध्यक्ष हौशिला प्रसाद पाल ने कहा कि शिक्षक–कर्मचारियों पर “जुए/शेयर बाजार आधारित” NPS थोप दी गई है, जबकि नीति-निर्माता इसे अपनाने को तैयार नहीं।
जिला कोषाध्यक्ष रामनारायण बिन्द ने कहा कि “एक देश–एक विधान” की बात करने वाली सरकार पेंशन में दोहरी व्यवस्था क्यों रख रही है?
संगठन मंत्री अनिल कुमार कनौजिया ने कहा कि 1 अप्रैल 2025 से लागू UPS भी शिक्षकों के लिए स्वीकार्य नहीं है।
प्रदेश मंत्री कमलनयन ने स्पष्ट कहा—“शिक्षक समाज को केवल OPS चाहिए—न NPS, न UPS।”
जिला संरक्षक डॉ. सुनील कान्त तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन का कोई विकल्प नहीं है और शिक्षक समाज किसी कमतर व्यवस्था को स्वीकार नहीं करेगा।
कार्यकारी जिला अध्यक्ष रितेश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. चंद्र सेन, हौशिला प्रसाद पाल, विनय कुमार गुप्त, छोटे लाल यादव, नरेंद्र सरोज, राम केवल यादव सहित वक्ताओं ने कहा कि शहीद डॉ. रामाशीष सिंह के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब उत्तर प्रदेश सरकार तत्काल OPS बहाल करे।
पेंशनर्स संगठन के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षकों के हितों से लंबे समय तक खिलवाड़ नहीं कर सकती—पुरानी पेंशन बहाली ही एकमात्र विकल्प है।
कैंडल मार्च में विजय प्रकाश गौतम, शैलेंद्र कुमार, डॉ. नागेंद्र प्रसाद यादव, जितेंद्र कुमार यादव, अर्जुन यादव, राजेश कन्नौजिया, दीपक मौर्य, विनोद पाल, सत्यप्रकाश यादव, राकेश कुमार, सिद्धार्थ यादव, मनोज चौहान सहित बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए।
सभी ने “पेंशन पुरुष” के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।
Comments
Post a Comment