दूसरी पारी में योगी के तेवर शख्त सोनभद्र के डीएम सहित गाजियाबाद के एसएसपी हुए निलंबित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोबारा सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को पूर्व की तरह प्रभावी तरीके से लागू करने का एलान किया था। बृहस्पतिवार को इसका असर देखने को मिला। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार की शिकायतों व चुनाव में लापरवाही के मामले में सोनभद्र के जिलाधिकारी टीके शिबू व अपराध नियंत्रण में नाकामी पर गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित कर दिया है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक चंद्र विजय सिंह को सोनभद्र का नया डीएम बनाया गया है।
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक डा. देवेश चतुर्वेदी ने बताया है कि  जनप्रतिनिधियों द्वाराजिलाधिकारी सोनभद्र शिबू के खिलाफ शासन को खनन, जिला खनिज न्यास समिति व अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें की जाती रही हैं। इसके अलावा विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 में इनकेद्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में गंभीर लापरवाही बरती गई। पोस्टल बैलेट सील न करके सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शित होने के कारण नेशनल मीडिया में वायरल हुई, जिसकी वजह से पूरे जिले का मतदान निरस्त होने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। सांविधिक व असांविधिक लिफाफों की सीलिंग गलत होने के कारण अत्यंत विषम स्थिति पैदा हुई। 
अपर मुख्य सचिव ने बताय है कि आयुक्त विंध्याचल मंडल मिर्जापुर योगेश्वर राम मिश्र द्वारा जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर पुन: सीलिंग कराकर प्रकरण का निस्तारण कराया गया। जिलाधिकारी पर जनसामान्य व जनप्रतिनिधियों से दूरी की भी शिकायतें थीं। आयुक्त विंध्याचल मंडल मिर्जापुर की जांच में अनियमितताओं के लिए डीएम को प्रथमदृष्टया दोषी करार दिया गया है।
उन्होंने बताया कि शासन ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए डीएम शिबू को निलंबित कर राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है। साथ ही वृहद दंड देने के लिए अनुशासनिक कार्रवाई का फैसला किया है। इसके लिए आयुक्त वाराणसी मंडल दीपक अग्रवाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि शिबू निलंबन अवधि में बिना लिखित अनुमति प्राप्त किए मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे
अपराध नियंत्रण में नाकाम रहने पर गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया है। उन पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का भी आरोप है। पवन कुमार के स्थान पर अभी किसी की तैनाती नहीं की गई है। मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार नए एसएसपी की पोस्टिंग होने तक गाजियाबाद में एसएसपी का कामकाज देखेंगे।   
2009 बैच के आईपीएस पवन कुमार पिछले साल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे थे, पहले उन्हें मुरादाबाद और फिर गाजियाबाद की जिम्मेदारी दी गई थी। गाजियाबाद में उन्होंने पिछले साल 16 अगस्त को जिम्मेदारी संभाली थी। पवन कुमार के निलंबन की सबसे बड़ी वजह तीन दिन पहले डासना क्षेत्र में हुई 25 लाख रुपये की लूट को माना जा रहा है। सोमवार को यहां चार पेट्रोल पंप कर्मचारियों से मोटर साइकिल सवार तीन बदमाशों ने फायरिंग कर 25 लाख रुपये लूट लिए थे। हालांकि पुलिस ने इस घटना में शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने का दावा किया था। इस घटना को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की गई थी।

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