जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश काशी प्रसाद सिंह यादव ने नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म के आरोपित पिता को दोषी करार देते हुए सात वर्ष कारावास की सश्रम कारावास की सजा दी है। अदालत ने मुजरिम पर 8500 रुपये जुर्माना भी लगाया है।
खबर है कि चार नवंबर 2016 को मड़ियाहूं कोतवाली में पीड़िता ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता के अनुसार उसका पिता रोजी-रोटी के सिलसिले में अहमदाबाद रहता है। कुछ वर्ष पूर्व उसे भी अपने साथ अहमदाबाद ले गया।
वहां पिता मार-पीटकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाता था। विरोध करने पर जान से मार डालने की धमकी देता था। पिता ने अपने मोबाइल फोन में उसकी कई आपत्तिजनक फोटो भी रखी है। अहमदाबाद से घर लौटने पर जब उसने परिवार वालों को आपबीती बताई। पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। विशेष लोक अभियोजक कमलेश राय के अनुसार कोर्ट में सात गवाह पेश किए।
आरोपित पिता ने बचाव में कहा कि उसने दूसरी शादी कर ली थी, इसीलिए साजिश के तहत उसे फंसाया जा रहा है किंतु वह कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथा ही हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
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