आखिर दुष्कर्म की पीड़िता को पुलिस से न्याय क्यों नहीं मिला आत्महत्या के लिए जिम्मेदार कौन?



प्रदेश की सरकार महिला अपराध को लेकर चाहे जितना भी डींग मार लेकिन उसके अधीनस्थ पुलिस आज भी पीड़ितो को न्याय देने के पक्ष में नहीं नजर आ रहे है तभी तो पीड़ितायें अपनी पीड़ा को सहन करने के बजाय आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला ही खत्म कर रही है आखिर इन घटनाओ के लिए जिम्मेदार कौन है। 
ताजा मामला जनपद अम्बेडकर नगर का है दुष्कर्म की शिकार छात्रा की पीड़ा पुलिस समेत किसी ने नहीं सुनी। इससे आहत होकर छात्रा ने बीती रात खुदकुशी कर ली। पंचनामा करने के लिए परिवार बेटी का शव पुलिस को देने को तैयार नहीं। जिलास्तरीय अधिकारी मनुहार में जुटे हैं। पीड़ित परिवार एसपी को बुलाने पर अड़े थे।
बता दे बीते 16 सितंबर को मालीपुर थाना के एक गांव की छात्रा को विद्यालय जाते समय दो युवकों ने कार से अपहरण कर लिया था। छात्रा को परिवारजन तलाशते रहे और वह नहीं मिली। तब पुलिस को तहरीर दी गई। पुलिस ने तहरीर पर नाबालिग के अपहरण की धारा में मुकदमा दर्ज कर चुप बैठ गई। दो दिन बाद किशोरी छात्रा वापस आई और परिवारजनों के साथ थाने पहुंची। पुलिस ने छात्रा का बयान व मेडिकल आदि दर्ज करने के बाद बलात्कारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
खबर है कि इस दौरान पीड़ित पिता बेटी को न्याय दिलाने के लिए जिलाधिकारी से मिली। डीएम ने एसपी के पास भेज दिया। परिवारजनों का आरोप है कि पुलिस अधीक्षक ने सुनवाई के बजाय डांटकर भगा दिया। पीड़ित परिवार बेटी को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय गए। इसके बाद गत मंगलवार शाम विवेचक प्रमोद खरवार पीड़िता के घर पहुंचे और बार-बार शिकायत नहीं करने की सलाह दी। कहा कि मुकदमा में कार्रवाई करना या नहीं करना मेरे हाथ में है।
पीड़ित बेटी ने कहा था कि यदि आज रात आरोपित गिरफ्तार न हुए तो सुबह मैं आत्महत्या कर लूंगी। मंगलवार की रात बीत गई मालीपुर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसा कोई दरबार नही है जहां बेटी को न्याय दिलाने के लिए पिता ने दौड़ नहीं लगाई। परिवारजन ने थानाध्यक्ष, विवेचक समेत अन्य बीट के पुलिसकर्मियों पर आत्महत्या को विवश करने की धारा में मुकदमा दर्ज कराकर निलंबित करने, 20 लाख रुपये मुआवजा दिलाने, आरोपियों को गिरफ्तार करने और बुलडोजर से उसका घर गिराने आदि की मांग रखी है।
घटना के बाद मृतका के घर पहुंचे डीएम सैमुएल पॉल ने परिवारजनों की पीड़ा सुनी और ज्ञापन लिया। उन्होंने परिजनों की मांग मानते हुए नामजद आरोपियों की 24 घंटे से 72 घंटे में गिरफ्तारी, पांच लाख रुपये मुआवजा तथा विवेचक समेत अन्य पुलिसकर्मियों का निलंबन की बात कही। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों के विरुद्ध गैंगेस्टर एक्ट व इनके घर बुलडोजर से तोड़े जाएंगे। अपर पुलिस अधीक्षक संजय राय ने बताया कि विवेचना जलालपुर कोतवाली में ट्रांसफर कर दी गई है।डीएम के आश्वासन के बाद परिवारजनों ने पंचनामा करने के लिए शव पुलिस को सौंपा था। हलांकि इसके बाद दो आरोपितों के परिजनों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

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