जानिए चन्दवक पुलिस के यादव दोस्त तीन दिन हवालात में क्यों रहे कैद,आखिर पुलिस ने इनके साथ किया कौन सा खेल



जौनपुर। पुलिस विभाग के अधिकारी लगातार बयान देते है पुलिस आम जनता की मित्र है लेकिन पुलिस विभाग की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी सिपाही जो अधिकारी और जनता के मध्य सम्बन्धो और विश्वास के लिए एक सेतु की तरह होते है उनके स्तर से ऐसे हैरतअंगेज कारानमे होते है जो पुलिस और आम जन के बीच की खाई को और भी बढ़ाने का काम करते है।फिर आम जनमानस वही मुहावरा को चरितार्थ मानने लगता है कि पुलिस की दोस्ती दुश्मनी से भी खतरनाक होती है। जी हां ऐसा ही एक मामला और घटना जनपद जौनपुर के पूर्वांचल में स्थित थाना चन्दवक की प्रकाश में आयी है जहां पर एक चाय के दुकानदार को पुलिस की दोस्ती निभाने के चलते तीन दिन तक थाने के हवालात में काटना पड़ा हलांकि पुलिस अधीक्षक जौनपुर के हस्ताक्षेप और सच सामने आने के बाद तीसरे दिन दोनो पुलिस मित्र भाईयों को हवालात से बाहर किया जा सका है।इस घटना ने पुलिस को सवालो के कटघरे में खड़ा करती है।
यहां बता दे कि थाना क्षेत्र स्थित चन्दवक बाजार में पंकज यादव और अम्बुज यादव नामक दो भाई थाना के आसपास कहीं चाय की दुकान चलाते है। चन्दवक थाने की पुलिस अजय यादव और खुर्शीद आलम यादव उपरोक्त की चाय के दुकान पर चाय पान करते थे। दुकानदार पुलिस जनो को अपना मित्र मान लिए थे। विगत एक सप्ताह की बात है उपरोक्त की दुकान के पास एक प्राइवेट वाहन से एक वृद्ध महिला को धक्का लगा उसे चोट आ गयी। घटना के समय पंकज यादव के चाय की दुकान पर थाने के दोनो सिपाही अजय यादव और खुर्शीद आलम मौजूद थे। दोनो सिपाहियों ने वाहन को रोका और वाहन स्वामी पर विधिक कार्यवाई की धमकी देते हुए जेल भेजने की बात करते हुए वृद्ध के इलाज के नाम पर 20 हजार रुपए की मांग किये। वाहन स्वामी के पास 20 हजार रुपए नकद कैस नहीं था तो उसने आनलाइन देने को कहा।
पुलिस जनो ने चाय वाले पंकज यादव के खाते में 20 हजार रुपए मंगा लिए दुकानदार ने पुलिस के साथ मित्रता निभाई। संयोग से वाहन स्वामी गोरखपुर के थे घटना की कहांनी  सीएम के मठ तक पहुंच गयी वहां से एसपी जौनपुर को फोन आ गया इसके बाद चन्दवक की पुलिस ने चाय के दुकानदार भाईयों पंकज यादव और अम्बुज यादव को रात में अर्ध रात्रि उठाकर थाने के हवालात में डाल दिया क्योंकि पुलिस को मिलने वाली घूस की राशि यादव के खाते में आयी थी। 
यादव की गिरफ्तारी के बाद घटना की खबर सपा के एक नेता को लगी उनके द्वारा जनपद मुख्यालय पर भाजपा के बड़े नेताओ के माध्यम से पूरे घटनाक्रम की सच्चाई पुलिस अधीक्षक को अवगत करायी गयी इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने जब अपने सूत्र से घटना के सच का पता लगाया तो सच सामने आने के बाद तीन दिन हवालात में रहने के बाद दोनो चाय वाले भाइयो को थाने से रिहा कर दिया गया। अब स्थित यह है कि पुलिस मित्रता में इतना संकट झेलने के बाद पीड़ित चाय वाले पुलिस के खिलाफ कुछ भी बोलने का साहस नहीं कर रहे है बस इतना कहते है भैया पुलिस की दोस्ती दुश्मनी दोनो खराब होती है। हलांक पुलिस अधीक्षक ने दोनो सिपाहियों को दण्डित करते हुए लाइन हाजिर करने कर दिया है।

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