मेडिकल कॉलेज के निर्माण में देरी के लिए जिम्मेदारो पर एफआईआर दर्ज जांच शुरू

जौनपुर। सिद्दीकपुर स्थित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण में विलंब के लिए जिम्मेदारों पर आखिरकार गाज गिर ही गई है। सतर्कता अधिष्ठान थाना प्रयागराज में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद सिंह सहित कुल छह आरोपितों के खिलाफ अनुचित लाभ व साजिश रचने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह एफआइआर सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक हवलदार सिंह यादव की तहरीर पर बीते 20 जुलाई को दर्ज की गई। नामजद किए गए आरोपितों में मीरजापुर के चुनार कोतवाली के कुशहा निवासी राजेंद्र प्रसाद सिंह के अलावा आजमगढ़ जिले के आसिफगंज निवासी पद्मनाथ सिंह, तत्कालीन नामित नोडल अधिकारी मुरारपुर, बकेवर फतेहपुर निवासी डा. शिव प्रकाश, तत्कालीन अपर परियोजना प्रबंधक रामगांव, सिंधौरा, वाराणसी निवासी मनोज कुमार, तत्कालीन लेखाकार ग्राम जोखत, प्रयागराज निवासी ज्ञान प्रकाश व न्यू हैदरगंज अमन विहार कैंबेल रोड, लखनऊ निवासी मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट के प्रबंधक मोहम्मद इंतिखाब आलम का नाम हैं।
तहरीर के अनुसार, जांच में पाया गया कि शासन मेडिकल कॉलेज की स्थापना का निर्णय वित्त वर्ष 2012-13 में जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर शाहगंज रोड पर बंद पड़ी कताई मिल परिसर में कराए जाने का लिया गया। 18 अप्रैल 2013 को शासन ने सह आचार्य एसपीएम विभाग मेडिकल कालेज इलाहाबाद डा. शिव प्रकाश को नोडल अधिकारी व 20 जून 2013 को उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया गया। इसके निर्माण का जो समय निर्धारित किया गया इन कारदायी संस्थाओ के चलते निर्धारित समय पर काम पूरा नही हो सका। जिसे लेकर लगातार हो रही किरकिरी के कारण जिम्मेदारो के खिलाफ जांच बैठायी गयी और अब मुकदमा दर्ज हो गया है।

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