जानिए क्या है पीएफआई जिसके ठिकानो पर लखनऊ सहित यूपी के जिलो में एनआईए का जबरदस्त छापा


पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) से जुड़े अन्य संगठनों के ठिकानो पर एनआईए ने यूपी में कई जगह छापा मारा। लखनऊ में मदेगंज के बड़ी पकरिया इलाके में एक ही मोहल्ले के तीन घरों में एनआईए ने जांच की। बुधवार सुबह पांच बजे से एनआईए की टीम पैरा मिलट्री फोर्स और महिला पुलिसकर्मियों के साथ छापेमारी कर रही है। लखनऊ के अलावा बाराबंकी, बहराइच, सीतापुर और हरदोई में भी छापा मारने की सूचना है। सीतापुर जिले की महमूदाबाद तहसील में एनआईए ने बुधवार सुबह छापेमारी की है। दो गाड़ियों से बुधवार सुबह पहुंचे अधिकारी पीएफआई से जुड़े नेटवर्क की कड़ियां खंगाल रहे हैं। 
बुधवार को जिन ठिकानों पर छापे मारे गए, वे पीएफआई पर बैन लगने के बावजूद युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जुटा रहे थे। लखनऊ के अलावा बाराबंकी और बहराइच में पीएफआई के सक्रिय सदस्यों को एनआईए और एटीएस पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष और दिल्ली दंगों में संलिप्त पाये गए सदस्य शामिल हैं। एनआईए समेत तमाम जांच एजेंसियां अब पीएफआई के सहयोगी संगठनों जैसे सीएफआई, महिला विंग और सियासी चेहरे एसडीपीआई की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हैं।
लखनऊ में खदरा में डॉ ख्वाजा, मास्टर शमीम और मौलाना जमील के घर पर सुबह पांच बजे छापा मारा गया था। इन सभी को हिरासत में लेकर मदेयगंज थाने में एनआईए पूछताछ कर रही है।यहां बता दे पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया  (पीएफआई) भारत का एक चरमपंथी इस्लामी गठबन्धन था। इसे भारतीय मुस्लिम राजनीतिक संगठन के नाम से भी जाना जाता था जो मुस्लिम अल्पसंख्यक राजनीति की एक चरमपंथी और विशिष्ट शैली में संलग्न था। सरकार ने इस पर वैन लगा रखा है।

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