लोकसभा चुनाव अभी दूर लेकिन सांसद बनने का सपना संजोए लोग अपनी चर्चा के लिए जानें क्या हथकंडे अपना रहे है



जौनपुर। लोक सभा का चुनाव अभी लगभग छह माह बाद संभावित है लेकिन जौनपुर का सांसद बनने की लालसा लिए बड़ी तादाद में राजनैतिक, गैर राजनैतिक,पूँजीपति अपनी पहचान बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे है। यहां तक कि धार्मिक गैर धार्मिक, आर्केस्ट्रा रैली जन सभा के जरिए अपनी चर्चा करा तो रहे है लेकिन जन हित और जन सुख के कोई कार्य नहीं करते नजर आ रहे है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर जो लोग अपनी पहचान के लिए लाखों करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा रहे है। वह पद पाने के बाद अपने धन की वापसी चाहेंगे या फिर जन समस्याओ की तरफ उनका ध्यान होगा। 
सांसद बनने के लिए दो पूर्व आईएएस अधिकारी अपनी पहचान के लिए जो खेल कर रहे है उसपर आम जनमानस हंसने के अलांवा सायद गम्भीर नहीं नजर आ रहा है। जी हां हम बात करे पूर्व आईएएस अधिकारी दिनेश कुमार सिंह उर्फ डीके सिंह की तो यह जनाब कोरोना संक्रमण काल के समय जौनपुर के जिलाधिकारी के रूप में जनपद में सेवारत रहे।संकट काल में अपनी झोली कैसे भरना चाहिए इनसे सीखने की जरूरत है।संकट काल में बतौर कलेक्टर डीके सिंह ने सामाजिक संस्थाओ से खाद्यान्न लेकर जनता में बटवाया और सरकारी अभिलेख में उसे सरकारी खजाने का खर्च दिखा कर खजाने से जो खेल किया उसे पूरा जिला जानता है। हलांकि विकास के कोई ऐसे कार्य इन्होने जौनपुर में नहीं किया जिससे बेरोजगार लाभान्वित हुआ हो और उसे गिनाया जा सके। श्री सिंह लगातार मां शीतला चौकियां धाम में आ कर चन्द चाटुकारो के जरिए जौनपुर की आवाम को रिझाने का कुत्सित प्रयास कर रहे है।इनका दावा है कि हमें माता शीतला ने बुलाया है।लेकिन इन्हे जगह जगह हिकारत भी मिलनी शुरू हो गई है।इन्हे नहीं पता कि यह जौनपुर है। फिलहाल सांसद बनने का सपना संजोए चक्कर लगा रहे है।
दूसरे पूर्व आइएएस अधिकारी है अभिषेक सिंह जो जनपद के पूर्वांचल के निवासी है और इनके पिता पुलिस अधिकारी की सेवा से रिटायर हो कर भाजपा की सियासत कर रहे है।अभिषेक सिंह अचानक गणेश उत्सव के नाम पर चर्चा में आये और फिल्मी कलाकारो के बुलाकर टीडी कॉलेज के मैदान में खूब अश्लील डांस कराया और अश्लील गाने परोसते हुए यहां के युवाओ को रिझाने और गुमराह करने का काम किया। इसके बाद नौकरी से त्यागपत्र भी दे दिया। जनपद मुख्यालय पर डांडिया डांस के जरिए अपने को स्थापित करने का प्रयास किया।अब चर्चा है कि सनी लियोनी नामक फिल्मी डांसर को जौनपुर लाने की योजना है ताकि युवाओ को रिझाया जा सके। इस तरह के कार्यक्रम में करोड़ो रूपये खर्च किए जा रहे लेकिन जनपद के विकास में एक चवन्नी कोई नहीं लगा रहा है।
इसी तरह ज्ञान प्रकाश सिंह भी भाजपा की सियासत से प्रभावित होकर धार्मिक अनुष्ठान कराते हुए राम कथा आदि आयोजन करा रहे है।इनके कार्यक्रम में कहीं फूहड़ता फिलहाल नहीं धार्मिक आयोजन कर कम से कम हिन्दुत्व की अलख जगायी जा रही है।लेकिन बेरोजगारो के रोजगार से जुड़े मामले में यह भी पीछे ही है जबकि गरीब दीन दुखियों की सेवा जरूर करते है।समाजिक कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी निभा  भी रहे है। यह सबकुछ करते हुए चाहते है कि भाजपा का टिकट हांसिल हो जाए। 
भाजपा के टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह भी बड़ी मजबूती के साथ लगे है। ये ऐसे कोई आयोजन न करते हुए लगातार जनता के बीच पहुंचने का काम कर रहे और बतौर नेता और भाजपा के पुराने कार्यकर्ता के रूप में इनकी पहचान भी है।इसी तरह पूर्व विधायक हरेन्द्र प्रताप सिंह भी टिकट हथियाने के लिए जरिए पोस्टर अपने को चुनाव लड़ने का संकेत कर रहे है।वहीं पर पूर्व सांसद भाजपा केपी सिंह पुत्र स्व उमानाथ सिंह पूर्व मंत्री भी जोर आजमाईस करते हुए अपने आकाओ का चक्कर लगा रहे है। इतना ही नही अजय सिंह एवं मनोज कुमार सिंह नामक नेता का भी पोस्टर जनपद में लगा हुआ है ये सभी भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए कसरत कर रहे है। 
विपक्ष से भी चुनाव में आने वाले नेताओ का भी संकेत आने लगा है इसमें बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम सबसे उपर है।अभी 31 अक्टूबर को जन चेतना रैली निकाल कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया हलांकि इनके इस कार्यक्रम के बाद इनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हो गयी जिसकी चर्चा जनपद के राजनैतिक गलियारे में हो रही है। जिम्मेदार कुछ भी बोलने से बचते हुए बस इतना ही कह रहे है कि हम तो सरकार के नौकर है। जन चर्चा है कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह का चुनाव लड़ना अब तो तय माना जा रहा है गठबंधन हो या फिर जदयू होगा। धनंजय सिंह ने इस रैली के जरिए राजनैतिको को खास कर चुनाव लड़ने की मंशा रखने वालो को जबरदस्त संकेत दिया है। सपा के पूर्व अध्यक्ष लालबहादुर यादव भी चुनावी जंग में आने के लिए बेताब होकर अपने आकाओ की चरण बन्दना युद्ध स्तर पर कर रहे है। 
कौन होगा जौनपुर का अगला सांसद यह तो चुनाव के बाद साफ होगा लेकिन जनपद में आये गगन बिहारी नेता गण जो खेल करके अपनी चर्चा करा रहे हो जनता सब समझती है। अभी उसके लाठी में भले ही आवाज नहीं लेकिन चुनाव के समय ऐसा बजाएगी कि तथाकथित नेताओ का पता नहीं चल सकेगा। फिलहाल अभी सभी सांसद बनने के लिए ब्याकुल है।

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